तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़क पर उतरे ग्रामीण
संवाद सहयोगी बिश्नाह सीमावर्ती अरनिया तहसील कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ बुधवार का
संवाद सहयोगी, बिश्नाह: सीमावर्ती अरनिया तहसील कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ बुधवार को सीमावर्ती ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना था कि तहसील कार्यालय में बिना पैसे दिए किसी का काम नहीं होता है। पैसा नहीं देने पर अधिकारी उन्हें कई तरह की औपचारिकताओं में उलझा देते हैं, जिससे उनके कई जरूरी प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहे हैं। ग्रामीणों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अरनिया के तहसीलदार अमित मन्हास का तबादला करने की भी मांग की है। गुस्साए किसानों ने तहसील कार्यालय में ताला जड़ने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनको ऐसा नहीं करने दिया।
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे चंगिया के पूर्व सरपंच रघुवीर सिंह ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों के लोगों को बॉर्डर सर्टीफिकेट, आय प्रमाण पत्र, डोमिसाइल प्रमाण पत्र आदि के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। इस संबंध में तहसीलदार से भी कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन उनको औपचारिकताओं में उलझा दिया जाता है। ऐसे में क्षेत्र के हजारों लोगों को प्रमाणपत्र नहीं मिल रहे हैं। रघुवीर सिंह ने उपराज्यपाल से अपील की कि वे किसानों के लिए प्रमाणपत्र बनवाने की सरल प्रक्रिया बनवाएं, ताकि उनको बेवजह परेशान नहीं होना पड़े।
उपराज्यपाल करवाएं भ्रष्टाचार की जांच
प्रदर्शन में शामिल सुरेश सैनी ने कहा कि वे कई बार कुछ जरूरी प्रमाणपत्र बनवाने के लिए तहसील कार्यालय आ चुके हैं। कभी तहसीलदार नहीं होते हैं तो कभी पटवारी। उन्हें हर बार अधिकारियों के डीसी ऑफिस जाने का बहाना बता दिया जाता है। कुछ अन्य लोगों ने बताया कि तहसीलदार के नहीं मिलने पर जब उन्होंने फोन किया तो उनका फोन नहीं उठता है। लोगों का कहना था कि तहसील कार्यालय में हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इसलिए उनकी मांग है कि उपराज्यपाल इसकी जांच करवाएं। सेना की भर्ती के लिए चाहिए कई प्रमाणपत्र
प्रदर्शन में शामिल सोनू पंडित, भूषण सैनी आदि लोगों ने बताया कि कुछ दिन बाद ही सेना की भर्ती होने वाली है। ऐसे में इसमें भाग लेने वाले युवाओं को इनकम सर्टीफिकेट, बॉर्डर सर्टिफिकेट और कुछ अन्य प्रमाणपत्र चाहिए। यही वजह है कि आजकल तहसील कार्यालय में बड़ी संख्या में सेना की भर्ती में आवेदन करने वाले युवा और उनके परिजन इन प्रमाणपत्रों को बनवाने के लिए आ रहे हैं। जब वे तहसील में पहुंचते हैं तो वहां अक्सर संबंधित अधिकारी नहीं मिलते। ऐसे में युवाओं को चिंता सता रही है कि यदि समय पर प्रमाणपत्र नहीं बने तो वे भर्ती में भाग नहीं ले पाएंगे।
---बयान--
मैं और कार्यालय के सभी स्टाफ रोजाना समय पर दफ्तर आते हैं। यहां कोई भी ऐसी फाइल पेंडिग नहीं है, जिस पर कुछ काम बाकी हो। कुछ लोग कानून से इतर अपने काम करवाना चाहते हैं, इसीलिए वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार नहीं होता है। कुछ लोग मेरे खिलाफ षड़यंत्र रच रहे हैं, इसीलिए वे ऐसे आरोप लगा रहे हैं। वे कभी अपने इरादों में कामयाब नहीं होंगे।
-अमित मन्हास, तहसीलदार अरनिया