Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: खुशखबरी : जम्मू-कश्मीर के निजी क्षेत्र के कर्मियों की पेंशन की राह हुई आसान

मौजूदा समय में प्रदेश के 2.11 लाख कर्मचारी इस सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आए हंै। वहीं जम्मू कश्मीर में क्षेत्रीय कार्यालय में निॢवघ्न रूप से कामकाज के लिए विभिन्न कैडर की 98 पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 09:05 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 09:05 AM (IST)
Jammu Kashmir: खुशखबरी : जम्मू-कश्मीर के निजी क्षेत्र के कर्मियों की पेंशन की राह हुई आसान
ईपीएफओ श्रीनगर और जम्मू में दो क्षेत्रीय कार्यालय जबकि लेह में एक सुविधा केंद्र की स्थापना का फैसला लिया है।

जम्मू, ललित कुमार : जम्मू कश्मीर में निजी क्षेत्र के 5.70 लाख पीएफ खाता धारक कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। पेंशन के लिए योग्य होने में अब इन कर्मचारियों को दस साल तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर सरकार की मांग पर सहमत हो गई है।

loksabha election banner

पूरी संभावना है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पीएफ खाता धारकों के लिए नवंबर 2019 के बाद 10 साल के कार्यकाल की अनिवार्यता में छूट मिल जाएगी। इन कर्मचारियों को तभी से पेंशन के लिए योग्य माना जाएगा, जब से वह जम्मू कश्मीर पीएफ एक्ट के तहत पंजीकृत हुए हैं। इस बीच, केंद्र सरकार ने जेके पीएफ में पंजीकृत सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया है।

इसके तहत किसी भी कर्मचारी की मौत पर आश्रितों को अब 70 हजार रुपये की सहायता के बजाए केंद्रीय कानून के तहत छह लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।

जम्मू कश्मीर में केंद्रीय कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 पहली नवंबर 2019 को प्रभावी हुआ था। इस कानून के तहत जो कर्मचारी नवंबर 2019 के बाद 10 साल लगातार सदस्य रहेगा, वही पेंशन का हकदार होगा। ऐसे में पेंशन का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलना था, जो अक्टूबर 2029 के बाद सेवानिवृत्त होते।

जम्मू कश्मीर सरकार ने केंद्र के समक्ष मांग रखी थी कि जम्मू कश्मीर पीएफ एक्ट के तहत पंजीकृत कर्मचारियों की नौकरी अवधि को मान्यता दी जाए और जो कर्मचारी प्रदेश में जिस दिन से पंजीकृत है, उसी दिन से उसे केंद्रीय कानून के तहत पंजीकृत माना जाए। इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इस मुद्दे को लेकर प्रदेश व केंद्र के बीच कई दौर की बैठकें हुई हैं और केंद्र सरकार ने इस मांग पर अपनी सहमति दे दी है।

उम्मीद है कि 31 मार्च 2021 तक जम्मू कश्मीर में निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों का रिकार्ड व पैसा केंद्र के पास ट्रांसफर हो जाएगा और उसके बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

10 जिलों का रिकार्ड ट्रांसफर, 12 का बाकी : जम्मू कश्मीर व लद्दाख के 22 जिलों में से अब तक 10 जिलों का रिकार्ड जेके पीएफ से केंद्र के पास ट्रांसफर हो चुका है। पीएफ विभाग जम्मू कश्मीर ने डोडा, किश्तवाड़, रामबन, राजौरी, पुंछ, गांदरबल, बांडीपोरा, कुलगाम, कुपवाड़ा, बारामुला, लेह व लद्दाख के 2338 प्रतिष्ठानों के शत-प्रतिशत कर्मचारियों का रिकार्ड व 1660 करोड़ रुपये केंद्रीय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में ट्रांसफर कर दिया है और शेष 12 जिलों का रिकार्ड व पैसा ट्रांसफर करने के लिए 31 मार्च 2021 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

सामाजिक सुरक्षा का तत्काल मिलेगा लाभ : जम्मू कश्मीर में करीब 5.70 लाख पीएफ खाता धारक है और केंद्र सरकार ने जेके पीएफ में पंजीकृत सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया है। वीरवार को श्रीनगर में सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टी ईपीएफओ की बैठक हुई, जिसमें इसकी घोषणा की गई। प्रदेश के कानून के तहत पहले अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती थी तो आश्रितों को 70 हजार रुपये की सहायता मिलती थी, लेकिन अब केंद्रीय कानून के तहत छह लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। कर्मचारियों को यह सामाजिक सुरक्षा पहले दिन से उपलब्ध होगी। मौजूदा समय में प्रदेश के 2.11 लाख कर्मचारी इस सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आए है। वहीं जम्मू कश्मीर में क्षेत्रीय कार्यालय में निॢवघ्न रूप से कामकाज के लिए विभिन्न कैडर की 98 पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा ईपीएफओ ने श्रीनगर और जम्मू में दो क्षेत्रीय कार्यालय बनाने के साथ लेह में एक सुविधा केंद्र की स्थापना का फैसला लिया है।

  • हमने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से कई दौर की बातचीत की है। केंद्र हमारी मांग को लेकर काफी सकारात्मक है। जम्मू कश्मीर पीएफ एक्ट के तहत 4 फीसद प्रबंधन शुल्क कटता था, जो केंद्रीय कानून में 0.5 फीसद है। ऐसे में हमारे पास 3.5 फीसद अतिरिक्त राशि का करोड़ों रुपया बन रहा है। हमने मांग रखी है कि इस अतिरिक्त राशि को कर्मचारियों के पेंशन फंड में डालकर उन सभी को पेंशन लाभ के दायरे में लाया जाए, जिनका 10 साल का कार्यकाल पूरा होता है। उम्मीद है कि जब सारा पैसा व रिकार्ड केंद्र के पास ट्रांसफर हो जाएगा तो कर्मचारियों के हक में ही फैसला आएगा। -सौरब भगत, आयुक्त सचिव श्रम विभाग 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.