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17 जनवरी को होगा शुक्र अस्त, अब 24 अप्रैल तक नहीं होंगे वैवाहिक कार्य, जानिए शादियों के मुहूर्त

श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि विवाह एवं मांगलिक कार्यों के लिए गुरु और शुक्र तारा का उदय होना एवं शुभ मुहूर्त का होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सन् 2020 ई 10 दिसंबर को विवाह का अंतिम मुहूर्त था।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 06:02 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 06:02 PM (IST)
17 जनवरी को होगा शुक्र अस्त, अब 24 अप्रैल तक नहीं होंगे वैवाहिक कार्य, जानिए शादियों के मुहूर्त
गुरु और शुक्र तारा अस्त होने से मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। अब 18 अप्रैल को शुरू होंगी शादियां।

जम्मू , जागरण संवाददाता : सौर पौष मास समाप्त हो गया है। सूर्य भी उत्तरायण हुए पर गुरु और शुक्र तारा अस्त होने से प्रारंभ नहीं हो पाएंगे विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्य। वीरवार से सूर्य देव भी उत्तरायण हुए और फिर माघ, सौर माह शुरू हुआ लेकिन गुरु और शुक्र तारा अस्त होने से विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। अब 18 अप्रैल को शुरू होंगी शादियां।

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श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि विवाह एवं मांगलिक कार्यों के लिए गुरु और शुक्र तारा का उदय होना एवं शुभ मुहूर्त का होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सन् 2020 ई 10 दिसंबर को विवाह का अंतिम मुहूर्त था। 17 जनवरी 17 शाम 05.52 से 14 फरवरी 2021 ई. रात्रि 11 बजकर 45 मिनट तक गुरु तारा अस्त रहेगा और 8 फरवरी सन् 2021 ई. से 18 अप्रैल सन् 2021 ई रात्रि 11 बजकर 09 मिनट तक शुक्र तारा अस्त रहेगा। अर्थात 11 दिसंबर सन् 2020 से लेकर 18 अप्रैल 2021 तक विवाह का कोई भी शुभ विवाह मुहूर्त नहीं है। इस दौरान आपको विवाह आदि मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए। सन् 2021 ई. अप्रैल 18 के बाद ही शुभ मुहूर्त में विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे। सन् 2021 ई. विवाह का पहला मुहूर्त 24 अप्रैल को है। गुरू और शुक्र तारा अस्त के दौरान आप सगाई आदि का कार्य यानि कि मंगनी आदि कार्य शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं। मंगनी आदि कार्य में कोई समस्या वाली बात नहीं है।

गुरु एवं शुक्र अस्त के इन दिनों में विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार, शपथ ग्रहण करना, शिलान्यास, व्रत उद्यापन मोख, यगोपवीत संस्कार आदि शुभ मांगलिक कार्य करना पूर्णतः वर्जित है। इसी तरह स्वयंवर के लिए भी गुरु व शुक्र के अस्त का समय त्याज्य माना गया है। कोई व्यक्ति पुनर्विवाह करे तो गुरु व शुक्र के अस्त एवं लग्न शुद्धि, विवाह विहित मास आदि का कोई दोष नहीं लगता।

पुराने या मरम्मत किए गए मकान में गृह प्रवेश हेतु गुरु एवं शुक्र के अस्त काल का विचार नहीं किया जाता अर्थात जीर्णोद्धार वाले मकान बनाने के लिए गुरु व शुक्र अस्त काल में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि शुक्र के अस्त होने पर यात्रा करने से प्रबल शत्रु भी जातक के वशीभूत हो जाता है। शत्रु से सुलह या संधि हो जाती है।

यह हैं शादियों के शुभ मुहूर्त :

अप्रैल- 22, 23, 24, 26, 27, 28, 29, 30

मई-02, 03, 07, 08, 12, 13, 17, 20, 21, 22, 24, 26, 27, 28, 29, 30

जून- 03, 04, 11, 16, 17, 18, 19, 20, 22, 23, 25, 26, 27

जुलाई- 01, 02, 06, 12, 13, 14, 15, 16 


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