Jammu Kashmir Article 370: अब बेड़ियां कट गईं और अरमान भी होंगे पूरे
अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के प्रधान जंग बहादुर ने कहा कि अब पुराना जमाना गया। वाल्मीकि समाज के बच्चे पढ़-लिख रहे हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू कश्मीर में 63 साल बाद सम्मान से जीने की राह खुलने के बाद वाल्मीकि समाज खुश है। अब 370 की बेड़ियां कट गई हैं और उन्हें भी नागरिक अधिकार मिल रहे हैं और डोमिसाइल ने नई पीढ़ी को अरमान करने का अवसर जो दे दिया है। 1957 में जम्मू कश्मीर सरकार पंजाब से वाल्मीकि समाज के 70 परिवारों को सफाई कर्मी की नौकरी के साथ उन्हें रहने के लिए आवासीय सुविधा भी देने का वादा कर यहां लेकर आई थी। नौकरी की लालसा में यह परिवार यहां तो आ गए, लेकिन यहां सम्मान से जीने की चाह की राह में अनुच्छेद 370 दीवार बनकर खड़ा हो गया था और झाड़ू उनका नसीब बनकर रह गई।
इसके चलते पढऩे-लिखने के बावजूद उनके बच्चे सफाई कर्मी से ज्यादा आगे नहीं बढ़ सके। अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद वाल्मीकि समाज को यहां का मूल निवासी होने का अधिकार मिल गया है। झाड़ू थामने वाले उनके बच्चों का अब डॉक्टर, इंजीनियर बनने का सपना साकार हो सकेगा। समाज के लोगों का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने अनुच्छेद 370 समाप्त कर हमारे पैरों में पड़ी बेडिय़ां काट दी हैं।
हमारे बच्चे पढ़-लिख गए, अच्छी नौकरी पाना चाहते हैं: भारत हंस ने कहा कि अब वाल्मीकि समाज पहले जैसा नहीं रहा। हमारे बच्चे पढ़-लिख गए हैं और अच्छी नौकरी पाना चाहते हैं। जम्मू कश्मीर में 60 साल बिताने के बाद भी इस समुदाय को यहां का निवासी नहीं माना गया। अब समय बदल गया है। अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद वाल्मीकि समाज यहां का निवासी बन गया है।
डोमिसाइल मिलने के बाद बच्चों के लिए सारे रास्ते खुल गए: अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के प्रधान जंग बहादुर ने कहा कि अब पुराना जमाना गया। वाल्मीकि समाज के बच्चे पढ़-लिख रहे हैं। यहां का डोमिसाइल मिलने के बाद बच्चों के लिए सारे रास्ते खुल गए हैं। हमारे बच्चे अब सफाई कर्मी के पद के बारे में नहीं सोचते बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर बनना चाहते हैं। कल तक हमारे बच्चों के रास्ते बंद थे। अब अच्छी नौकरियों की तैयारी में जुट गए हैं।
जम्मू कश्मीर बैंक में उच्च पद हासिल की चाहत : छात्र समीर ने कहा कि मैं बीकॉम कर रहा हूं। मेरा सपना जम्मू कश्मीर बैंक में उच्च पद हासिल करना है। हमारे देखते-देखते जम्मू कश्मीर के कई लोग इस बैंक में छोटे से बड़े पदों पर आसीन हो गए क्योंकि उनके पास जम्मू कश्मीर का निवास प्रमाणपत्र था। पहले इन नौकरियों के लिए हम लोग आवेदन नहीं कर सकते थे। अब हम भी बैंक में नौकरी कर पाएंगे।
अब तरक्की का रास्ता आसान हो गया: हैप्पी नामक छात्र ने कहा कि मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता हूं और कंप्यूटर कोर्स कर रहा हूं। इसी क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल कर जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी पाना चाहता हूं। यहां का डोमिसाइल प्रमाणपत्र मिलने के बाद अब तरक्की का रास्ता आसान हो गया है।