Jammu Kashmir: नए कॉलेजों के लिए पद सृजित करने में नाकाम उच्च शिक्षा विभाग लगातार कर रहा है पदों का समायोजन
जम्मू कश्मीर के नए डिग्री कालेजों में पद भरने में नाकाम रहा उच्च शिक्षा विभाग असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों का लगातार समायोजन कर रहा है। उच्च शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से पुराने आदेशों को निरस्त करते हुए पदों के समायोजन के लिए नई अधिसूचना जारी कर दी है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू कश्मीर के नए डिग्री कॉलेजों में पद भरने में नाकाम रहा उच्च शिक्षा विभाग असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों का लगातार समायोजन कर रहा है। उच्च शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से पुराने आदेशों को निरस्त करते हुए पदों के समायोजन के लिए नई अधिसूचना जारी कर दी है। विभाग ने नए खुले डिग्री कॉलेजों में पदों को भरने के लिए पहले से स्थापित कालेजों में पदों को रेफर कर दिया है। इससे पहले से स्थापित कालेजों में पद कम हो गए है। विभाग ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि नए कालेजों में और विषयों को लागू किया जा सके।
उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त सचिव तलत परवेज रोहेल्ला की तरफ से जारी आदेश के अनुसार जम्मू कश्मीर में मौजूदा 91 डिग्री कॉलेजों, कलस्टर विश्वविद्यालयों के अधीन आने वाले दस कालेजों और पिछले साल खोले गए 51 डिग्री कालेजों के लिए विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से पदों को एक बार फिर से निर्धारित किया है। इसके लिए पहले सेमेस्टर में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से पद निर्धारित किए गए है। जो विद्यार्थी पहले सेमेस्टर में दाखिला लेंगे, वे दूसरे, तीसरे, चौथे, पांचवें और छठे सेमेस्टर की भी पढ़ाई करेंगे मगर उनके लिए अध्यापकों की कमी हो जाएगी, इस बारे कुछ सोचा नहीं गया है। सरकार के इस फैसले से अध्यापकों में रोष व्याप्त हो रहा है।
पहले से स्थापित साइंस कॉलेज , मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज, कामर्स कालेज, महिला कालेज गांधी नगर, महिला कालेज परेड के अलावा कश्मीर में पहले से स्थापित डिग्री कालेजों से कई पदों को नए कालेजों में रेफर कर दिया गया है। इससे वहां पर पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। उच्च शिक्षा विभाग हर साल अकादमिक प्रबंधन पर पद भरता है। उच्च शिक्षा विभाग नए पद सृजित करके पब्लिक सर्विस कमीशन को रेफर नहीं कर रहा है। इस समय जरूरत है कि नए कालेजों के लिए नए पद सृजित किए जाएं। जम्मू कश्मीर में इस समय 1.70 लाख विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए कालेजों में पढ़ाई कर रहे है। नई शिक्षा नीति के तहत साल 2030 तक विद्यार्थियों की संख्या को 2.50 लाख तक पहुंचाना है। इसके लिए विभाग को कालेजों का ढांचा मजबूत बनाना होगा और नए पद सृजित करने होंगे।