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एक साल विकास का: जम्मू-कश्मीर में शिक्षा को मिली दिशा, हो रहा कायाकल्प

जम्मू कश्मीर निवेशक शिक्षा नीति 2020 पर काम शुरु हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में निवेशकों को जम्मू कश्मीर लाया जाएगा। प्राइवेट क्षेत्र में विश्वविद्यालय और कॉलेज खोलने का रास्ता साफ होगा। कोरोना की चुनौतियों के बावजूद शिक्षा का ढांचा मजबूती की तरफ बढ़ रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 11:09 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 11:09 AM (IST)
एक साल विकास का: जम्मू-कश्मीर में शिक्षा को मिली दिशा, हो रहा कायाकल्प
कौशल विकास के जरिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उन्हें रोजगार के साधन हासिल हो सकें।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में शिक्षा में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में ढर्रे पर चल रही चीजें समाप्त हो गई है। सिर्फ बुनियादी ढांचा मजबूत नहीं किया जा रहा बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नेशनल काउंसिल फार एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेङ्क्षनग (एनसीईआरटी) की तर्ज पर एजुकेशन स्टेट काउंसिल फार एजुकेशनल, रिसर्च एंड ट्रेङ्क्षनग (एससीईआरटी) का गठन किया है। इसके लिए सरकार ने जम्मू कश्मीर में काम कर रहे दो स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन को समाप्त कर दिया।

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एससीईआरटी पाठ्यक्रम तैयार करने के अलावा अध्यापकों को प्रशिक्षण देगी। जम्मू कश्मीर में भले ही शिक्षा निशुल्क थी, लेकिन शिक्षा अधिकार कानून लागू नहीं था। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद केंद्रीय शिक्षा अधिकार कानून लागू हो गया। नियम तैयार करने के लिए सरकार ने कमेटी का गठन कर दिया। कमेटी नियम तैयार करके प्रशासनिक काउंसिल को मंजूरी के लिए भेजेगी। जम्मू कश्मीर में लंबे समय से अध्यापकों की पदोन्नति के मामलों का समाधान निरंतर किया जा रहा है। इतना ही नहीं रहबर-ए-तालीम के अध्यापकों को ग्रेड सेकेंड व थर्ड देकर उन्हें अध्यापकों की श्रेणी में लाया गया हैं। इन 36 हजार से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्ता वाली शिक्षा हासिल हो जाएं। जम्मू कश्मीर निवेशक शिक्षा नीति 2020 पर काम शुरु हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में निवेशकों को जम्मू कश्मीर लाया जाएगा। प्राइवेट क्षेत्र में विश्वविद्यालय और कॉलेज खोलने का रास्ता साफ होगा। कोरोना की चुनौतियों के बावजूद शिक्षा का ढांचा मजबूती की तरफ बढ़ रहा है।

कौशल विकास को बढ़ावा: केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में कौशल विकास को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं। पहले जम्मू-कश्मीर में कौशल विकास का कार्य शिक्षा विभाग के अधीन होता था मगर अब कौशल विकास विभाग अलग बना दिया गया है। इसमें पॉलीटेक्निक कॉलेज और आइटीआइ लाए गए है। कौशल विकास के जरिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उन्हें रोजगार के साधन हासिल हो सकें।

जम्मू-कश्मीर के दो पॉलीटेक्निक कॉलेजों में सेंटर फार इंवोशन, इंक्यूबेशन टेक्नोलॉजी (सीआइआइटी) तैयार किए गए है। इन दोनों सेंटरों की कार्यशालाएं बनकर तैयार हो गई है। जम्मू के ब्वॉयज पॉलीटेक्निक कॉलेज विक्रम चौक जम्मू और कश्मीर के बारामुला पॉलीटेक्निक कॉलेजों में रोबोटिक्स, आटोमोबाइल इंजीनियङ्क्षरग, डिजीटल उत्पादन और इलेक्ट्रिकल वाहन डिजाइन के कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके लिए करीब साढ़े तीन सौ करोड़ का निवेश किया है। प्रशिक्षण के बाद टाटा टेक्नोलॉजी रोजगार उपलब्ध करवाएगा।

अहम फैसले

  • स्टेट काउंसिल फार एजुकेशनल, रिसर्च एंड ट्रेङ्क्षनग का गठन
  • शिक्षा अधिकार कानून लागू करने के लिए कमेटी का गठन
  • जम्मू कश्मीर शिक्षा निवेशक नीति 2020 का ड्राफ्ट तैयार किया गया। नीति पर अमल में लाने के लिए किया जा रहा है।
  • जम्मू कश्मीर में कौशल विकास विभाग बनाया गया।
  • सामुदायिक शिक्षा को बढ़ावा
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारियां। टास्कफोर्स का गठन किया गया।
  • समग्र शिक्षा के तहत स्कूलों के बुनियादी ढांचों को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम
  • किचन गार्डन बनाकर स्कूलों में मिड डे मील को सशक्त बनाया जा रहा।
  • जम्मू कश्मीर बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन के एक्ट में होगा बदलाव
  • -जम्मू कश्मीर में विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों का कार्यकाल पांच साल से कम करके तीन साल किया। 

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