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Jammu Kashmir: देशभर के निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए बाहें पसारे खड़ा जम्मू कश्मीर

कृषि उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव नवीन कुमार चौधरी ने बतया कि जम्मू कश्मीर में 22 लाख मीट्रिक टन सेब पैदा होता है जबकि कोल्ड स्टोर की क्षमता 1.20 लाख मीट्रिक टन है। हमारा लक्ष्य इसे कम से कम सात लाख मीट्रिक टन तक पहुंचाना है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 08:38 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 08:38 AM (IST)
Jammu Kashmir: देशभर के निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए बाहें पसारे खड़ा जम्मू कश्मीर
विरासती संपत्ति का पहली अप्रैल 2021 से पहले कोई व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : देशभर के निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए जम्मू कश्मीर बाहें पसारे खड़ा है। फिल्म इंडस्ट्री हो या स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, कौशल विकास या फिर कपड़ा उद्योग। हर क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार पूरा सहयोग व अवसर प्रदान कर रही है। उद्योग लगाने के लिए जमीन उपलब्ध करवाने से लेकर बिजली-पानी और जीएससी के पूर्ण पुनर्भुगतान तक लाभ दिया जा रहा है। सॢवस सेक्टर में निर्माण सामग्री व अन्य सामान के लिए भी रियायतें मिलेंगी। यही वजह है कि निवेशक यह सुनहरा मौका खोना नहीं चाहते। अब तक देश के कई नामी उद्यमियों और निवेशकों समते करीब 600 लोग जम्मू कश्मीर में उद्योग लगाने के लिए अपने प्रस्ताव जमा करवा चुके हैं।

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जम्मू कश्मीर में बेहतर होते हालात के बीच नयी औद्योगिक नीति लागू हो चुकी हैं। इसके तरह प्रदेश सरकार ने स्टार्ट-अप और नए औद्योगिक उपक्रम शुरू करने के इच्छुक उद्यमियों के पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। 28,400 करोड़ रुपये की इस योजना के तहत उद्यमियों को उनकी इकाई के क्रियाशील होने के दिन से अगले 10 साल तक जीएसटी का पूर्ण पुनर्भुगतान होगा। उन्हेंं उद्योग लगाने के लिए सस्ती दरों पर जमीन भी उपलब्ध कराई जाएगी।

केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास के लिए नयी केंद्रीय योजना की नियमावली भी तय कर दी है। योजना के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया पहली अप्रैल 2021 से शुरू हो चुकी है। पंजीकरण के लिए आवेदन 30 सितंबर 2024 तक जमा कराए जा सकेंगे। सभी आवेदनों का निपटारा 31 मार्च 2025 तक किया जाएगा। अगर सरकार चाहेगी तो वह इसमें विस्तार दे सकती है।

कृषि-बागवानी से जुड़े उपक्रमों के लिए जमीन में प्राथमिकता : जम्मू कश्मीर औद्योगिक विकास निगम (सिडको) के प्रबंध निदेशक मोहम्मद हारुन ने बताया कि उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि आवंटन की नीति को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसमें हम उद्योग की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए उसके लिए उपयुक्त जगह को आवंटित करेंगे। अगर किसी क्षेत्र विशेष में कृषि आधारित गतिविधियों के लिए पर्याप्त संभावना है तो वहां कृषि और बागवानी से जुड़े उपक्रमों के लिए जमीन को प्राथमिकता के आधार पर आवंटित किया जाएगा। पूरी नीति को अगले चंद दिनों में सार्वजनिक कर दिया जाएगा। अगर कोई उद्योगपति या स्टार्ट-अप का इच्छुक अपने उपक्रम के लिए जमीन प्राप्त करना चाहता है तो उसे आनलाइन ही अपने इकाई के लिए पंजीकरण कराना होगा। कारोबार को आसान बनाने की प्रक्रिया के तहत कागजी कार्रवाई को घटाया गया है और एकल खिड़की की व्यवस्था शुरू की गई है।

छूट के लिए सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन जरूरी : उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, देश के कई नामी उद्यमी और निवेशक जम्मू कश्मीर में अपने उद्योग लगाने के लिए सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। अब इन लोगों को नयी औद्योगिक नीति के अनुरूप फिर से आवेदन करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि नियमावली के मुताबिक, अगर नयी औद्योगिक योजना के तहत प्राप्त छूट और प्रोत्साहन का लाभ लेना है तो संबंधित उद्यमी को अपने प्रस्तावित इकाई की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट), बैंक द्वारा मंजूर ऋण दस्तावेज, जमीन का दस्तावेज, पैन नंबर और जीएसटीआइएन इत्यादि दस्तावेजों के साथ आनलाइन पोर्टल जेकेएनआइएस.डीआइपीपी.जीओवी.इन पर पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा।

इस सेक्टर में लिया जा सकता लाभ : सॢवस सेक्टर, पर्यटन और हास्पिटैलिटी सेक्टर के अंतर्गत होटल व मौलिक अवसंरचना संबंधी परिसपंत्तियों के निर्माण, फिल्म, पर्यटन, रोपव, मनोरंजन पार्क, विरासती व एतिहासिक संपत्ति की पुनर्बहाली, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के अंतर्गत अस्पताल, डायग्नोस्टिक लैब्स, आयुष सेंटर, सूचना प्रौद्योगिकी में रखरखाव एवं मरम्मत सेवा, लाजस्टिक पार्क, वेयर हाउस, शिक्षा एवं कौशल विकास सेवा संबंधी क्षेत्रों में नयी योजना के तहत लाभ लिया जा सकता है। कोई भी हेरिटेज अथवा विरासती संपत्ति का पहली अप्रैल 2021 से पहले कोई व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

पंजीकरण के लिए बनाई गई हैं दो समितियां : पंजीकरण के लिए दो समितियां बनाई गई हैं। सचिव स्तरीय समिति 500 करोड़ रुपये के निवेश वाली इकाइयों के पंजीकरण को मंजूरी देने के लिए समर्थ है। 500 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की इकाइयों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ही मंजूरी देगी। अगर किसी उद्योगिक इकाई ने भारत सरकार द्वारा घोषित पहले किसी योजना का लाभ लिया है तो उसे जम्मू कश्मीर में नयी औद्योगिक नीति के तहत लाभ प्राप्त नहीं होगा।

पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली वाले स्थापित करना चाहते हैं कोल्ड स्टोर : कृषि उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव नवीन कुमार चौधरी ने बतया कि जम्मू कश्मीर में 22 लाख मीट्रिक टन सेब पैदा होता है, जबकि कोल्ड स्टोर की क्षमता 1.20 लाख मीट्रिक टन है। हमारा लक्ष्य इसे कम से कम सात लाख मीट्रिक टन तक पहुंचाना है। जम्मू कश्मीर के कई व्यावसायियों के अलावा पंजाब, उत्तरप्रदेश और दिल्ली से भी कई लोग यहां कोल्ड स्टोर स्थापित करने की इच्छा जता चुक हैं।

इन पर नहीं होगी रियायत : माल की लदाई-ढुलाई का शुल्क, प्लांट और मशीनरी के लिए शेड व इमारत, डीजी सेट, खनन उपकरण, धर्म कांटा, लेबोरेटरी जांच उपकरण इत्यादि के लिए नयी योजना में रियायत नहीं होगी। सॢवस सेक्टर में जमीन की लागत, खपत वाला सामान या फिर वह सामान-सेवा जिससे कमाई होगी, की मद में भी लाभ नहीं दिया जाएगा। 

ये मिलेंगी सुविधा :

  • उद्योग लगाने के लिए सस्ती दरों पर जमीन
  • 10 साल तक जीएसटी का पूर्ण पुनर्भुगतान
  • बिजली-पानी के कनेक्शन
  • आनलाइन पंजीकरण, एकल खिड़की की व्यवस्था
  • निर्माण सामग्री व अन्य सामान के लिए रियायतें
  • हाउसबोट के निर्माण की परियोजना के साथ उसमें साज सज्जा के सामान की खरीद पर लाभ
  • होटल व रिसार्ट में स्विमिंग पूल्स के लिए फिल्ट्रेशन प्लांट के अलावा एसी प्लांट व सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए भी लाभ

इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान : फिल्म इंडस्ट्री, हास्पिटैलिटी, फूड प्रिजर्वेशन एंड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोर, आइटी, स्वास्थ्य एवं चिकिसिा शिक्षा, शिक्षा, कौशल विकास, हस्तशिल्प-हथकरघा, कपड़ा, मनोरंजन।


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