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Umeed 2021: कोट भलवाल में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट लगने से मिलेगी शहर को गंदगी से निजात

वर्ष 2019 में शहर इस सर्वेक्षण में 329वें नंबर पर रहा था। यह सुधार कॉरपोरेटरों के चुने जाने के बाद निगम की बढ़ी सक्रियता का नतीजा है। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट लगने से सर्वेक्षण में भी शहर की स्थिति और अच्छी हो जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 11:39 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 11:39 AM (IST)
ऐसे में उम्मीद जगी है कि अब यह प्रोजेक्ट यहां शुरू हो सकेगा।

जम्मू, जागरण संवाददाता: स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी स्थिति सुधारने के लिए जम्मू नगर निगम कोट भलवाल में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट लगाने की तैयारी कर रहा है। इसी साल मार्च-अप्रैल तक इस प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखने की उम्मीद जताई जा रही है।

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पिछले तेरह सालों से यह प्रोजेक्ट फाइलों में घूम रहा है। अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने भी सख्ती दिखाना शुरू की है। इसके निगम भी सक्रिय हुआ है। शहर के बाहरी क्षेत्र कोट भलभाल के कालागाम में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की तैयारी चल रही है। इतना ही नहीं निगम कचरा निस्तारण के लिए भगवती नगर और बंधुरक्ख में छोटे युनिट भी स्थापित करने जा रहा है। इनमें कचरे का अलगाव कर निस्तारण कर दिया जाएगा।

कालागाम में निगम के पास 156 कनाल जमीन है। इस पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट लगाने के प्रयास हालांकि निगम पहले भी कर चुका है लेकिन लोगों के विरोध प्रदर्शन के चलते काम शुरू नहीं हो पाया था। अब मामला अदालत के विचाराधीन भी है। अदालत के निर्देशों के बाद ही निगम यहां कचर को ठिकाने लगा रहा है। ऐसे में उम्मीद जगी है कि अब यह प्रोजेक्ट यहां शुरू हो सकेगा।

बंधुरक्ख में शुरू हुई प्रक्रिया: नगर निगम ने शहर के साथ लगते बंधुरक्ख में कचरा निस्तारण के लिए छोटी इकाई स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यहां निगम ने शेड, पिट आदि बना दिए हैं। यहां एनजीओ शुद्धि को कचरे के निस्तारण का ठेका दिया गया है। फिलहाल गांधीनगर के दस वार्डों का कचरा यहां ठिकाने लगाया जाएगा। यहां कचरे में से पालीथिन व अन्य ऐसी सामग्री अलग की जाती है जो जमीन में सड़ती नहीं। इतना ही नहीं जल्द ही यहां मशीनरी भी लगाई जाएगी। निगम ने यहां हैंडपंप व शेड बना दिए हैं।

यहां निगम के पास करीब 75 कनाल जमीन है। फिलहाल एनजीओ ने वार्ड नंबर 56, गंग्याल के कचरे को यहां लाना शुरू किया है। ऐसा ही एक युनिट शहर के भगवती नगर में लगाया जा रहा है। फरवरी माह तक इस पर भी काम शुरू कर दिया जाएगा। तालाब तिल्लो, भगवती नगर व आसपास के वार्डों के कचरेे को यहां पहुंचा कर ठिकाने लगाने की व्यवस्था की जाएगी। जब तक कोट भलवाल में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट काम करना शुरू करेगा, तब तक 30-40 प्रतिशत कचरे के ठिकाने लगाने के प्रबंध इन युनिटों के लगने से हो जाएंगे।

फिलहाल कोट भलवाल में कचरा निस्तारण: फिलहाल शहर से निकलने वाले कचरे को निगम शहर के बाहरी इलाके कोट भलवाल में ठिकाने लगा रहा है। यहां कचरा निस्तारण निगम को इसलिए भी महंगा पड़ता है क्योंकि यह शहर से करीब 21 किलोमीटर दूर है। पिछले वर्ष ही हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद निगम ने भगवती नगर में तवी नदी में कचरा फेंकना बंद किया था। अब कोट भलवाल के कालागाम में कचरा निस्तारण हो रहा है।

प्रोजेक्ट लगने से ही होगा पर्यावरण संरक्षण: 189.43 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले शहर के 75 वार्डो से निकलने वाले कचरे के वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण के प्रबंध नहीं होने का ही नतीजा है कि शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले पहले सौ शहरों में भी नहीं आ पा रहा। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में शहर 224वें स्थान पर रहा। वर्ष 2019 में शहर इस सर्वेक्षण में 329वें नंबर पर रहा था। यह सुधार कॉरपोरेटरों के चुने जाने के बाद निगम की बढ़ी सक्रियता का नतीजा है। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट लगने से सर्वेक्षण में भी शहर की स्थिति और अच्छी हो जाएगी।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट किए जाएंगे तैयार: ऊधमपुर में देवी, जम्मू में तवी नदी और श्रीनगर में डल झील व बरारी नुम्बल में सीवरेज ट्रीटमेंअ प्लांट बनाकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव धीरज गुप्ता ने हाल ही में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ट्रीटमेंट प्लांट के कार्यों को निर्धारित समय में पूरा करें। उन्होंने इनमें किसी भी प्रकार के गतिरोध हटाने के भी निर्देश दिए। यह एसटीपी अरबन इंवायरंमेंट इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट द्वारा बनाए जा रहे हैं। उन्होंने अन्य अधिकारियों को इस संबंध में डीपीआर तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीवरेज की ट्रीटमेंट से निकलने वाले पानी का सदुपयोग पार्कों, बागों के लिए किया जाए। सीवरेज व्यवस्था शहर की जरूरत है। इस पर पूरा ध्यान दिया जाए। इस कार्य में देरी नहीं की जाए।

शहर से निकलने वाला कचरा

  • कुल कचरा जमा होता है - 400 मीट्रिक टन प्रति दिन
  • गलियों की सफाई से - 50 मीट्रिक टन प्रति दिन
  • होटल/रेस्टोरेंट से - 40 मीट्रिक टन प्रतिदिन
  • बाजारों से - 50 मीट्रिक टन प्रतिदिन
  • व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से - 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन
  • घरों से - 130 मीट्रिक टन प्रतिदिन
  • अन्य से - 110 मीट्रिक टन प्रतिदिन

मेयर चंद्र मोहन गुप्ता का कहना है कि इस साल हम कोट भलवाल में कचरा निस्तारण के लिए सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है। मार्च तक इस प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखने की उम्मीद है। इसके बाद शहर से निकलने वाले कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण हो जाएगा। इतना ही नहीं भगवती नगर और बंधुरक्ख में छोटे युनिट लगाकर आसपास के वार्डों के कचरे के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 2021 में इस दिशा में निगम और प्रभावी कदम उठाएगी। पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर निगम ने डोर-टू-डोर कचरा उठाने की व्यवस्था बना दी है। 


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