शिक्षण संस्थानों में सूर्य नमस्कार पर उमर और महबूबा को नजर आ रही संप्रदायिकता, धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बताया
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को इसमें भी सांप्रदायिकता नजर आती है। इसीलिए इन दोनों नेताओं ने इस आयोजन को ङ्क्षहदू-मुस्लिम का रंग देते हुए कहा कि यह एक तरह से मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : मकर सक्रांति पर्व पर शिक्षण संस्थानों में सूर्य नमस्कार के आयोजन को लेकर जम्मू कश्मीर में सियासत शुरू हो गई है। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को इसमें भी सांप्रदायिकता नजर आती है। इसीलिए इन दोनों नेताओं ने इस आयोजन को ङ्क्षहदू-मुस्लिम का रंग देते हुए कहा कि यह एक तरह से मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप है। यह मुस्लिम छात्रों के लिए अनिवार्य नहीं होना चाहिए। यह अलग बात है कि महबूबा के मुख्यमंत्री रहते योग दिवस पर जम्मू कश्मीर में कार्यक्रम होते रहे हैं पर अब सत्ता से बाहर रहते हुए वह विरोध कर रही हैं।
Why should Muslim students be forced to do anything, including yoga, to celebrate Makar Sankranti?Makar Sankranti is a festival & to celebrate it or not must be a personal choice. Would the BJP be happy if a similar order was issued to order non-Muslim students to celebrate Eid? https://t.co/n6luhwSm1J
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 13, 2022
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय स्तर पर सभी शिक्षण संस्थानों में 14 जनवरी को मकर संक्रांति के पर्व पर वर्चुअल माध्यम से सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर में भी इसका आयोजन हो रहा है। उच्च शिक्षा विभाग ने बुधवार को ही एक आदेश जारी कर सभी कालेज प्रबंधकों, संचालकों और प्रिंसिपलों को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करें कि सभी संकाय सदस्य और छात्र सूर्य नमस्कार के वर्चुअल आयोजन में भागीदार बनें। वह इसके लिए निर्धारित पोर्टल पर भी खुद को पंजीकृत करें।
GOIs PR misadventures aim to demean & collectively humiliate Kashmiris.Forcing students & staff to perform suryanamaskars by issuing orders despite their obvious discomfort with imposition of something laden with religious connotations gives an insight into their communal mindset https://t.co/tgk9xidZz0— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) January 13, 2022
इस आदेश के बाद से नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं की सियासत शुरू हो गई है। उमर अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मकर संक्रांति मनाने के लिए मुस्लिम छात्रों को योग समेत कुछ भी करने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? मकर संक्रांति एक त्यौहार है, इसे मनाना या न मनाना यह किसी की निजी इच्छा है। अगर गैर मुस्लिम छात्रों को ईद मनाने के लिए इसी तरह का आदेश जारी कर कहा जाता तो क्या भाजपा खुश होती?
नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि सच तो यह है कि कश्मीर में कालेज प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वह मुस्लिमों को सूर्य नमस्कार के लिए लिए मजबूर करेंगे जो धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के सिवाय कुछ नहीं है। इस आदेश को वापस लिया जाए। महबूबा ने कहा कि केंद्र सरकार का यह तरीका एक तरह से कश्मीरियों की सामूहिक बेइज्जती है। छात्रों और स्टाफ को कुछ ऐसा करने के लिए मजबूर करना, जिसमें वह असहज हो और जो धार्मिक रूप से भी प्रभावित करता है, एक तरह से आदेश जारी करने वालों की धार्मिक मानसिकता को भी दर्शाता है।