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ऑनलाइन पढ़ाई में छात्रों की उलझन दूर करेगा 'वाइज', कश्मीर के दो युवाओं ने स्वदेशी मोबाइल एप विकसित किया

ऑनलाइन पढ़ाई में छात्रों की उलझन दूर करेगा वाइज कश्मीर के दो युवाओं ने स्वदेशी मोबाइल एप विकसित किया टूजी इंटरनेट गति में भी 4जी की स्पीड का कराएगा अहसास

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 09:26 AM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 09:26 AM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई में छात्रों की उलझन दूर करेगा 'वाइज', कश्मीर के दो युवाओं ने स्वदेशी मोबाइल एप विकसित किया
ऑनलाइन पढ़ाई में छात्रों की उलझन दूर करेगा 'वाइज', कश्मीर के दो युवाओं ने स्वदेशी मोबाइल एप विकसित किया

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई करते वक्त अब इंटरनेट की टूजी स्पीड रुकावट पैदा नहीं करेगी। कश्मीर के दो युवाओं ने ऐसा मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है जो 4जी स्पीड की तरह क्रियाशील रहकर विद्यार्थियों की उलझन दूर करेगा।

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यह मोबाइल एप वाइज (डब्ल्यूआइएसई) नाम से है। इसके जरिए जूम एप को भी आसानी से संचालित जा सकता है। सबसे बड़ी बात इसके लिए किसी को सूचना प्रौद्योगिकी या हर प्रकार के साफ्टवेयर की जानकारी होना जरूरी नहीं है। यह एप अमेरिका या चीन में तैयार नहीं हुआ है, यह विशुद्ध स्वदेशी एप है। इसे कश्मीर में छात्रों की दिक्कतों को हल करने के लिए बनाया गया है।

श्रीनगर के हैदरपोरा में रहने वाले मुबीन मसूदी और उनके साथी बिलाल अबीदी ने इस एप को तैयार और विकसित किया है। दोनों ने ही आइआइटी मुंबई से 2011 में स्नातक किया। देश-विदेश की कई नामचीन कंपनियों में नौकरी भी मिली, लेकिन कश्मीर लौट आए। इस मकसद से कि यहां प्रतिभावान इंजीनियरों और डॉक्टरों की नई पीढ़ी तैयार करने में योगदान करेंगे। मुबीन का श्रीनगर में कोचिंग सेंटर हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से पैदा हालात में ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया। इसमें बहुत दिक्कत आ रही थी। जूम व कुछ अन्य ऐप यहां इंटरनेट की 2जी स्पीड पर पूरी तरह काम नहीं करते।

उन्होंने कहा कि हमें अपने छात्रों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के लिए आइडी, पासवर्ड को साझा करना पड़ता था। इसके लिए उन्हें वाट्सएप के जरिए सूचना भेजनी होती थी। एसाइनमेंट ई-मेल पर भेजनी होती थी। पाठ्य सामग्री को अलग अलग एप के जरिए भेजना पड़ता था। इससे छात्र परेशान थे और हम भी। अभिभावक भी शिकायत करने लगे। इसके बाद उन्होंने बिलाल से इस पर चर्चा की और एप तैयार करने का फैसला किया। दो माह की मेहनत से यह एप तैयार हुआ। 15 दिन पहले यह गूगल प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध हो गया। इसका संचालन में पूरी तरह सरल है।

ऑनलाइन कक्षाओं में सहूलियत

मुबीन ने कहा कि यह एप 2जी पर भी आसानी से काम करता है। इसके जरिए ऑनलाइन कक्षाएं आसानी से संचालन की जा सकती हैं। आइडी या पासवर्ड शेयर करने की भी जरूरत नहीं है। इसके जरिए अध्यापक छात्रो को एसाइनमेंट दे और प्राप्त कर सकते हैं। इस पर ऑटोमेटिक उपस्थिति रिपोर्ट भी तैयार हो जाती है। यह पूरी तरह निशुल्क है।

केंद्रीय मंत्री की सराहना मिली

मुबीन और अबीदी की इस उपलब्धि को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी सराहा है। उन्होंने ट्वीट किया कि कश्मीर के दो आइआइटी ग्रेज्युएट ने एक ऐसा एप बनाया है जो इंटरनेट की 2जी गति पर भी काम करता है और ऑनलाइन शिक्षा में सहायक है। 


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