5th August Anniversary: अनुच्छेद 370 हटने के दो साल बाद भी उमर-महबूबा दिखे केंद्र से खफा
संवैधानिक अधिकारों के लिए जूझते हुए नहीं देख सकता। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो वायदे किए थे उन्हें यहां के लोगों के साथ पूरा नहीं किया। आज कोई भी ऐसा फैसला नहीं हुआ है जिससे यहां पर विकास देखने को मिले।
जम्मू, जेएनएन: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के दो साल पूरा होने को जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी काले दिवस के रूप में मना रही है। पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस मौके पर कहा कि यहां के लोगों के साथ नइंसाफी हुई है। इस समय वह विरोध करने के अलावा और कुछ नहीं कर सकते।
जम्मू-कश्मीर के लोगों का दर्द दिखाने के लिए कोई भी शब्द या फोटो काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि एक ट्वीट कर कहा कि अब वह विरोध ही कर सकती हैं। जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के फैसले का पीडीपी शुरू से ही विरोध कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह जम्मू-कश्मीर के लाेगों के खिलाफ उठाय गया एक कदम है। इससे न सिर्फ यहां के लोगों को राजनीतिक बल्कि मनोवैज्ञानिक तरीके से भी दबाया गया है।
एक दिन पहले ही नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी केंद्र के दो साल पहले किए गए इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि कोई भी नेता ज्यादा देर तक दुख नहीं मना सकता। और लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों के लिए जूझते हुए नहीं देख सकता। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो वायदे किए थे, उन्हें यहां के लोगों के साथ पूरा नहीं किया। आज कोई भी ऐसा फैसला नहीं हुआ है, जिससे यहां पर विकास देखने को मिले।
अभी तक कोई भी निवेश नहीं हुआ। न ही यहां पर विकास की कोई परियोजना शुरू हुई है। प्रधानमंत्री व अन्य मंत्रियों ने जितने भी उद्घाटन किए हैं, वे सभी पूर्व सरकारों ने शुरू किए थे। चाहे वह पनबिजली परियोजनाएं हों या स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रोजेक्ट, सभी यूपीए सरकार के समय में शुरू हुए थे। उमर ने कहा कि 370 को हटाना पूरी तरह से संवैधानिक था। उनकी पार्टी ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्हें न्यायालय पर पूरा विश्वास है। उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को न्याय मिलेगा।