Batote-terror-attack: मुठभेड़ से जिंदा बच निकले दोनों आतंकवादी किश्तवाड़ के हैं
वहीं फरार दोनों आतंकियों के भी किश्तवाड़ से होने की आशंका है। सभी आतंकी किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों के दबाव के चलते भागकर जम्मू आ रहे थे।
किश्तवाड़, संवाद सहयोगी। बटोत मुठभेड़ के दौरान गत शनिवार को भाग निकले दोनों आतंकियों को दबोचने के लिए सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर रखी है। इलाके का चप्पा-चप्पा खंगाला जा रहा है। फिलहाल कोई सुराग नहीं मिला है परंतु सेना और पुलिस ने आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है। ये आतंकी अपने बचाव के लिए किसी को भी बंधक बना सकते हैं।
वहीं फरार दोनों आतंकियों के भी किश्तवाड़ से होने की आशंका है। सभी आतंकी किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों के दबाव के चलते भागकर जम्मू आ रहे थे। मारे गए तीन आतंकियों में दो किश्तवाड़ और एक कश्मीर के शोपियां का था। फरार आतंकी हारून वानी और नावेद हो सकते हैं। क्योंकि 13 सितंबर को पीडीपी नेता शेख नासिर के घर पर जिन आतंकियों ने उनके अंगरक्षक की राइफल छीनी थी उस मामले में भी पांचों आतंकी शामिल थे। किश्तवाड़ में अब अमीर उर्फ जहांगीर सरूरी, रियाज अहमद, तालिब गुज्जर, हारून वानी, नावेद तथा मुआइनि उल इस्लाम सक्रिय हैं।
किश्तवाड़ में सुरक्षा कड़ी : बटोत मुठभेड़ के बाद किश्तवाड़ में भी सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा कड़ी कर दी गई है। ओसामा बिन जावेद, जाहिद और बिलाल डार को दबोचने के लिए पिछले पंद्रह दिन सुरक्षाबल जुटे थे। 26 और 27 सितंबर की रात को सुरक्षाबलों ने किश्तवाड़ के उस इलाके को घेर लिया था जहां ये आतंकी छिपे थे। आतंकी गुज्जर बक्करवालों के डेरों की आड़ में वहां से बटोत इलाके में पहुंच गए।
चिनाब वेली से आतंकवाद का होगा सफाया : डीजीपी
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बटोत का दौरा कर सुरक्षाबलों का हौसला बढ़ाया। साथ ही ऊधमपुर में सैन्य अस्पताल में भर्ती घायल जवानों का हालचाल भी जाना। उन्होंने कहा कि जल्द चिनाब वेली (डोडा-किश्तवाड़ से आंतकवाद को जड़ से खत्म कर दिया। आतंकवादियों की पहचान कर ली गई। उनके सहयोगियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। डीजीपी उस घर में भी गए जहां पर आतंकी छिपे हुए थे।