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Pampore Militant Attack: मोटरसाइकिल सवार दो आतंकियों ने किया था हमला, 2 जवान शहीद, 3 घायल

पुलिस की एसओजी और सेना की 50 आरआर बटालियन के जवानों का दल मौके पर पहुंच गया। राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। मुठभेड़ के दौरान आम आदमी गोलीबारी का शिकार न हों इसके लिए हाईवे को बंद रखा गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 01:56 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 06:28 PM (IST)
Pampore Militant Attack: मोटरसाइकिल सवार दो आतंकियों ने किया था हमला, 2 जवान शहीद, 3 घायल
पुलिस और सेना की 50 आरआर बटालियन के जवानों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया हुआ है।

श्रीनगर, जेएनएन। दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा में तंगन बाइपास मार्ग पर पुलिस और सीआरपीएफ की रोड ओपनिंग पार्टी पर घात लगाकर हमला करने वाले आतंकी मोटरसाइकिल पर सवार थे और हमले के तुरंत बाद ही वहां से फरार हो गए। सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाश में चलाए गए सर्च ऑपरेशन को समाप्त करने की घोषणा कर दी है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस के आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने आतंकियों की पहचान करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन का हाथ है। हमले में दो आतंकी शामिल थे और दोनों की ही पहचान कर ली गई है। जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा। इस हमले में सीआरपीएफ की 110 बटालियन के दो जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 3 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पंपोर आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ की 110 बटालियन के जवानों की पहचान ड्राइवर कॉन्स्टेबल धमेंद्र त्रिपाठी निवासी मध्य प्रदेश, कॉन्स्टेबल शैलेंद्र प्रताप सिंह निवासी उत्तर प्रदेश के तौर पर हुई है।

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करीब 25 मिनट तक फायरिंग हुई और उसके बाद आतंकी भाग निकले हैं। पुलिस को उम्मीद है कि आतंकी ज्यादा दूर नहीं गए हैं। वे आसपास ही किसी जगह छिपे हैं। हालांकि, सुरक्षाबलों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद कर फरार आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है। हमले में दो से तीन आतंकियों के शामिल होने की बात कहीं जा रही है। वहीं, घायल जवानों को 92 बेस अस्पताल भर्ती कराया गया है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकवादियों ने यह हमला पंपोर में तंगन बाइपास पर स्थित कंडीजाल पुल के पास पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त दल पर किया। बताया जा रहा है कि इस पुल से रोजाना सैन्य वाहन गुजरते हैं। उनकी सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए ही सीआरपीएफ की 110 बटालियन की रोड ओपनिंग पार्टी व पुलिस के कुछ जवान यहां तैनात किए गए थे। आतंकी नाके के पास ही कहीं छिपे हुए थे। उन्होंने मौका पाकर सुरक्षाबलों पर अचानक से हमला बोल दिया।

हमले में दो आतंकवादियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। दल पर अचानक से की गई गोलीबारी में सीआरपीएफ के 5 जवान घायल हो गए। आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर करीब 25 मिनट तक लगातार गोलीबारी की। जब सुरक्षाबलों ने हमलावरों पर पलटवार किया तो आतंकी मौका पाकर वहां से फरार हो गए। घायल सीआरपीएफ जवानों को 92 बेस अस्पताल पहुंचाया गया, जहां दो जवानों ने जख्मों का ताव न सहते हुए इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया। वहीं, तीन अन्य जवानों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

सूचना मिलते ही पुलिस की एसओजी और सेना की 50 आरआर बटालियन के जवानों का दल मौके पर पहुंच गया और उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों का कहना है कि मुठभेड़ के दौरान आम आदमी गोलीबारी का शिकार न हों इसके लिए हाईवे पर वाहनों की आवाजाही भी बंद कर दी गई थी। घंटों चले सर्च ऑपरेशन के बाद भी आतंकियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया। जब सुरक्षाबलों को यह यकीन हो गया कि आतंकी वहां से बच निकले हैं तो उन्होंने सर्च ऑपरेशन समाप्त कर दिया। हालांकि हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के दोनों आतंकियों की पहचान कर ली गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने अपने तंत्रों को आतंकियों का पता लगाने के लिए सतर्क कर दिया है।

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