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Jammu Kashmir: क्रॉस एलओसी ट्रेड से करोड़ों कमाने वालों की खंगाली जा रही है कुंडली

क्रॉस एलओसी ट्रेड का इस्तेमाल पाकिस्तान में बैठे आतंकी हिंसा फैलाने अलगाववादी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने जाली करंसी और नशीले पदार्थो की तस्करी के लिए कर रहे थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 01:00 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 01:00 PM (IST)
Jammu Kashmir: क्रॉस एलओसी ट्रेड से करोड़ों कमाने वालों की खंगाली जा रही है कुंडली
Jammu Kashmir: क्रॉस एलओसी ट्रेड से करोड़ों कमाने वालों की खंगाली जा रही है कुंडली

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : क्रॉस एलओसी व्यापार के नाम पर आतंकियों और अलगाववादियों को वित्तीय मदद पहुंचाते हुए तिजोरियां भरने वाले व्यापारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो चुकी है। केंद्रीय आयकर विभाग ने जम्मू कश्मीर पुलिस को नियंत्रण रेखा के पार से व्यापार में शामिल ऐसे व्यापारियों की सूची सौंपने और उनकी कुंडली खंगालने को कहा है।

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क्रॉस एलओसी व्यापार जम्मू कश्मीर और गुलाम कश्मीर के बीच अक्टूबर 2008 के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच हुए एक समझौते के तहत शुरु किया गया था। इस व्यापार में सिर्फ जम्मू कश्मीर और गुलाम कश्मीर के व्यापारी ही आपस में सिर्फ अनुमोदित सूची में शामिल वस्तुओं का आयात-निर्यात कर सकते थे। इसके तहत केवल सामान के बदले सामान ही भेजा जा सकता था। कई बार गुलाम कश्मीर से आनेवाले सामान में नशीले पदार्थाें और हथियारों की खेप भी बरामद हुई। साथ ही इसकी कमाई से आतंक को वित्तीय ऑक्सीजन मिल रही थी और अप्रैल 2019 में इसे बंद कर दिया गया। राज्य पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार इस गोरखधंधे की आड़ में करोड़ों के वारे-न्यारे करने वाले व्यापारियों की सूची आयकर विभाग ने जम्मू कश्मीर पुलिस को भेजी है।

यूं समझो खेलः  अधिकारियों ने बताया कि क्रॉस एलओसी व्यापार के नाम पर बड़ा खेल बरसों चलता रहा। व्यापारी नियंत्रण रेखा के पार से महंगा सामान कागजों में सस्ता दिखाकर खरीदते और खुले बाजार में महंगी दरों पर बेच देते। इस खेल में करोड़ों की कमाई का बड़ा हिस्सा आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होता रहा। गुलाम कश्मीर में बैठे कई आतंकी कमांडर भी इस व्यापार को चला रहे थे। एनआइए भी इस मामले की जांच कर रही है। गुलाम कश्मीर से 10 लाख रुपये के समान की कीमत कागजों में चार से छह लाख रुपये दिखाई जाती थी। इसके बदले उसे इतने का सामान ही उस पार भेजना होता था। इस तरह मिलने वाले मोटे मुनाफे का बड़ा हिस्सा आतंकियों व अलगाववादियों तक जाता रहा।

जाली करंसी और नशे की तस्करी भी बढ़ीः 18 अप्रैल 2019 को केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर क्रॉस एलओसी ट्रेड को बंद करने का निर्देश दिया। अधिसूचना के अनुसार इस व्यापार का इस्तेमाल पाकिस्तान में बैठे आतंकी हिंसा फैलाने, अलगाववादी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने, जाली करंसी और नशीले पदार्थो की तस्करी के लिए कर रहे थे। ऐसे में मजबूत पारदर्शी तंत्र स्थापित होने तक इसे बंद करने का आदेश दिया गया।

21 वस्तुओं के आयात-निर्यात की थी अनुमतिः भारत-पाकिस्तान में एक समझौते के बाद अक्टूबर 2008 में जम्मू कश्मीर और गुलाम कश्मीर के व्यापारियों को करमुक्त क्रॉस एलओसी ट्रेड की अनुमति दी गई थी। दोनों तरफ से 21 वस्तुओं के ही आयात-निर्यात की अनुमति थी। इसमें केवल सामान के बदले सामान (बार्टर ट्रेड) भेजने की ही अनुमति थी। इसके तहत कश्मीरी व्यापारी उड़ी सेक्टर में सलामाबाद के रास्ते अमन कमान सेतु के पार गुलाम कश्मीर में मुजफ्फराबाद सामान भेजते थे और मंगाते थे।


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