JK Tourism: जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए प्रचार-प्रोत्साहन अभियान शुरू करेगा पर्यटन विभाग
जम्मू कश्मीर में मुस्लिम आस्था के प्रसिद्ध स्थलों के अलावा बौद्ध और हिंदु धर्म से जुड़े स्थानों पर आधारित छोटी दस्तावेजी फिल्में भी दिखायी जाएंगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने के लिए पर्यटन विभाग इसी माह के दूसरे पखवाडे़ में देश-विदेश में पर्यटकों को रिझाने के लिए पर्यटन प्रचार-प्रोत्साहन अभियान शुरू करने जा रहा है। अलबता इस अभियान में मलेशिया को शामिल नहीं किया गया है। विदेश में दुबई, शारजाह और सऊदी अरब पर्यटकों पर ही ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, देश-विदेश में यह अभियान करीब सात सप्ताह तक अगले साल फरवरी के दूसरे सप्ताह तक चलेगा। इस दौरान मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, नागपुर, इंदौर, भोपाल, बेंगलुरू, मैसूर, कोलकत्ता, भुवनेश्वर, चेन्नई, कोच्ची, रांची और वाराणसी में केंद्र शासित जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग रोड शो व पर्यटन मेलों आयोजन करेगा। इनमें जम्मू कश्मीर के पर्यटनस्थलों, पर्यटकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जम्मू कश्मीर में पर्यटन के लिए आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा।
देश से बाहर विदेशी पर्यटकों को जम्मू कश्मीर में सैर के लिए आकर्षित करने के इरादे से थाईलैंड, शारजाह, दुबई और सऊदी अरब में राेड शो व पर्यटन मेले और ट्रैवल मार्ट का आयोजन किया जाएगा। इनमें जम्मू कश्मीर की हरी भरी वादियों, एडवेंचर टूरिज्म के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों को प्रचारित किया जाएगा। जम्मू कश्मीर में मुस्लिम आस्था के प्रसिद्ध स्थलों के अलावा बौद्ध और हिंदु धर्म से जुड़े स्थानों पर आधारित छोटी दस्तावेजी फिल्में भी दिखायी जाएंगी। विदेश में यह अभियान जनवरी 2020 में चलाया जाएगा।
मलेशिया नहीं है इस बार प्राथमिकता में
जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग द्वारा जिन मुल्कों में पर्यटन प्रचार का अभियान चलाने का फैसला किया गया है, उनमें इस बार मलेशिया शामिल नहीं है। हालांकि विभाग ने इस बारे में किसी तरह की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि जम्मू कश्मीर मुद्दे पर मलेशिया के प्रधानमंत्री द्वारा भारत विरोधी रवैया अपनाए जाने के बाद ही उसे इस सूची से बाहर किया गया है। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक मलेशिया में जम्मू कश्मीर के कई टूर आपरेटरों का अपना एक मजबूत नेटवर्क है। इसलिए वह अपने स्तर पर वहां के पर्यटकों को आसानी से जम्मू कश्मीर की यात्रा के लिए तैयार कर लेते हैं। विभाग का मकसद उन मुल्कों से पर्यटकों को जम्मू कश्मीर की तरफ मोड़ना है, जहां के लाेग पर्यटन के लिए विभिन्न मुल्कों में जाते हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर की तरफ कम आते हैं। इसके अलावा थाईलैंड, दुबई, शारजाह में भी बड़ी संख्या में विदेशी बसे हुए हैं। विदेशी पर्यटक भी सालभर आते रहते हैं। इन सभी को ध्यान में रखते हुए ही इन जगहों के लिए एक प्रचार अभियान की रुपरेखा तय की गई है।
दक्षिण भारत है स्थानीय टूअर आपरेटरों का लक्ष्य
केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोग चाहते हैं कि दक्षिण भारत के पर्यटकों को जम्मू कश्मीर के लिए आकर्षित करने की एक व्यापक कार्य योजना तैयार होनी चाहिए। उनके मुताबिक मुंबई और गुजरात या फिर कोलकत्ता के पर्यटक ही मुख्य तौर पर जम्मू कश्मीर में आते हैं। इंडिया प्राइड टूअर एंड ट्रैवल के संचालक रमण कुमार के मुताबिक दक्षिण भारत के पर्यटकों में जम्मू कश्मीर को लेकर बहुत दिलचस्पी है। दक्षिण भारत की कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई है। वहां के लोग इस तरफ आना चाहते हैं,बस उनमें कुछ विश्वास जगाने की जरुरत है। दक्षिण भारत के अगर हम 10 प्रतिशत पर्यटकों को भी जम्मू कश्मीर की तरफ मोड़ने हैं तो आप मान लें कि यह संख्या दो लाख से ऊपर जाएगी।
राज्य का पर्यटन उद्योग अगस्त से है मंदी का शिकार
केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य में पर्यटन उद्योग पांच अगस्त के बाद से लगातार मंदी का शिकार है। पांच अगस्त 2019 से नवंबर 2019 के अंत तक जम्मू कश्मीर में मात्र 32 हजार ही पर्यटक आए हैं। बीते साल पहली अगस्त 2018 से 30 नवंबर 2018 तक 2.94 लाख सिर्फ देशी सैलानी ही कश्मीर आए थे। पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने से पहले जून 2019 में 1.62 लाख और जुलाई 2019 में 1.49 लाख देशी पर्यटक कश्मीर आए थे।