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नया कश्मीर देसी-विदेशी सैलानियों से गुलजार, केंद्र शासित प्रदेश बनते ही पर्यटन में आया उछाल

खास बात यह है कि विदेशी पर्यटकों का कश्मीर के प्रति लगाव कायम है और कई देशों से पर्यटक लगातार कश्मीर पहुंच रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 12:27 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 12:27 PM (IST)
नया कश्मीर देसी-विदेशी सैलानियों से गुलजार, केंद्र शासित प्रदेश बनते ही पर्यटन में आया उछाल
नया कश्मीर देसी-विदेशी सैलानियों से गुलजार, केंद्र शासित प्रदेश बनते ही पर्यटन में आया उछाल

जम्मू, ललित कुमार। जन्नत कहे जाने वाला कश्मीर पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है। बर्फ से लकदक होने के बावजूद पर्यटन स्थलों में सैलानियों की भीड़ जुट रही है। वहीं, माता वैष्णो देवी भवन सहित जम्मू के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की कतार लग रही है।

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बात करें नए कश्मीर की तो अमन की बहार के बीच वादी देसी-विदेशी सैलानियों से गुलजार है। मौजूद समय में वादी के पहाड़ बर्फ से लकदक है। बावजूद इसके पर्यटकों का उत्साह कम नहीं है। कश्मीर पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुलमर्ग में होटल खचाखच हैं। विदेशी पर्यटक भी पहुंच रहे हैं। इधर, जम्मू के पर्यटन व धार्मिक स्थलों में भी पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आमद बढ़ रही है।

अगस्त के महीने में जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 व 35 ए हटाने से पूर्व एडवाइजरी जारी कर सभी पर्यटकों व श्री अमरनाथ यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को लौटने की सलाह दी तो एक महीने के लिए पर्यटक कश्मीर से नदारद रहे लेकिन जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनते ही पर्यटकों के कदम एक बार फिर घाटी की तरफ मुड़ना शुरू हो गए है। खास बात यह है कि विदेशी पर्यटकों का कश्मीर के प्रति लगाव कायम है और कई देशों से पर्यटक लगातार कश्मीर पहुंच रहे हैं।

पर्यटकों के कश्मीर की तरफ बढ़ते कदमों में हालांकि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बाधा जरूर बना हुआ है। दिसंबर महीने से लगातार खराब मौसम के कारण आए दिन हो भूस्खलन के कारण रास्ते बंद है। इस कारण पर्यटक चाह कर भी कश्मीर नहीं पहुंच पा रहे। नवंबर महीने में कश्मीर पहुंचे पर्यटकों के आंकड़ों पर अगर एक नजर डाली तो साफ है कि अगर दिसंबर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारू रहता तो सर्दियों के इस सीजन में कश्मीर घाटी का हर हिस्सा पर्यटकों से गुलजार रहता।

वर्ष 2019 में कश्मीर पहुंचे पर्यटक

जनवरी :  घरेलू : 22,615

             विदेशी : 2480

फरवरी :   घरेलू : 11,395

             विदेशी : 4508

मार्च :      घरेलू : 14,805

             विदेशी : 6432

अप्रैल :   घरेलू : 53,648

             विदेशी : 8167

मई :        घरेलू : 79,633

              विदेशी : 1506

जून :       घरेलू : 1,62,090

              विदेशी : 2669

जुलाई :     घरेलू : 1,49,095

              विदेशी : 3430

अगस्त :    घरेलू : 9285

              विदेशी : 845

सितंबर :    घरेलू : 3958

               विदेशी : 604

अक्टूबर :   घरेलू : 8503

               विदेशी : 824

नवंबर :      घरेलू : 10,946

               विदेशी : 1140

दिसंबर :     घरेलू : 5780

               विदेशी : 1174

साल 2019 में कश्मीर पहुंचे कुल पर्यटक

  • घरेलू : 5,31,753
  • विदेशी : 33,779

पिछले आठ सालों में कश्मीर पहुंचे पर्यटक

  • 2012 : 12,23,1818
  • 2013 : 10,48,634
  • 2014 : 11,64,349
  • 2015 : 9,27,355
  • 2016 : 13,00,080
  • 2017 : 12,28,638
  • 2018 : 8,30,758
  • 2019 : 5,65,532

(आंकड़ों का स्रोत : जम्मू-कश्मीर टूरिस्ट पुलिस विंग)

-कश्मीर हमेशा से देसी-विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद रहा है। कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, यह संदेश तेजी से लोगों तक पहुंच रहा है। यहीं कारण है कि अक्टूबर के बाद से पर्यटकों के आने का सिलसिला फिर तेज हुआ है। गुलमर्ग में भी काफी पर्यटक बर्फबारी का आनंद उठाते दिखाई दिए। इस समय भी कश्मीर में पर्यटकों की अच्छी-खासी संख्या है और अब एडवांस बुकिंग आना भी शुरू हो गई है। -निसार अहमद वानी, डायरेक्टर टूरिज्म कश्मीर

कश्मीर घाटी में गत नवंबर के बाद से पर्यटन ने कुछ जोर पकड़ना शुरु किया है। इसका मुख्य कारण वहां हालात का शांत होना ही है। आतंकी हिंसा में बहुत कमी आयी है। इसके अलावा इस बार हिमपात खूब हुआ है। देश-विदेश से लोग बर्फ देखने आ रहे हैं। मुंबई और मध्य प्रदेश के 50 पर्यटकों के एक दल का पांच दिवसीय कश्मीर टूअर पर गत सोमवार को हमारे ही जरिए कश्मीर आया है। गर्मियों में कश्मर में अगर पहाड़ों की हरियाली लाेगों को आकर्षित करती है तो सर्दियों में कश्मीर में बर्फ की सफेद चादर, गुलमर्ग में स्कईंग और डल की शांत लहरे पर्यटकों को लुभाती है। रमन शर्मा- इंडिया प्राईड टूअर एंड ट्रैवल के प्रबंध निदेशक

पिछले साल जनवरी में यहां खूब भीड़ थी, अगस्त में सब खत्म हो गया। अक्तूबर माह के बाद धीरे धीरे पर्यटकों की आमद बड़ी है। दिसंबर महीना हमारे लिए अच्छा रहा है। यह तो नहीं कहा जाएगा कि सभी होटल भरे हुए थे,लेकिन यह कह सकते हैं कि कारोबार अच्छा रहा है। आजकल चैनलों में कश्मीर में आतंकी हिंसा को लेकर प्रचार नहीं होता, इसलिए भी पर्यटक यहां आ रहे हैं। हां, इंटरनेट पर पाबंदी का असर है, लेकिन जिस तरह से उसमें राहत मिली है,वह भी पर्यटकों की आमद बढ़ाने में सहयोग कर रही है। इसके अलावा आने वाले दिनों में यहां विंटर गेम्स होने जा रही हैं, निवेश सम्मेलन की तैयार है, इससे भी लोगों में यहां के हालात को लेकर एक अच्छा मैसेज जा रहा है। अब तो अग्रिम बुकिंग भी जोर पकड़ रही है। - फिरदौस अहमद, होटल व्यावसायी 


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