Chaitra Purnima 2021: कल है चैत्र पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
चैत्र के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 26 अप्रैल सोमवार दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और 27 अप्रैल सुबह 09 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी। जो लोग रात्रि पूर्णिमा का व्रत रखते हैं वह 26 अप्रैल सोमवार को रखें ।
जम्मू, जागरण संवाददाता : चैत्र के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 26 अप्रैल सोमवार दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और 27 अप्रैल सुबह 09 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी। जो लोग रात्रि पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, वह 26 अप्रैल सोमवार को रखें और जो लोग दिवा पूर्णिमा का व्रत करते हैं । वह 27 अप्रैल मंगलवार को रख सकते हैं। चैत्र पूर्णिमा सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप श्री सत्यनारायण जी का पूजन किया जाता है। भगवान श्री सत्यनारायण जी की कथा पढ़ना अथवा सुनना या पूजा करवाना बेहद शुभ होता है। पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान श्रीगणेश जी, माता पार्वती, भगवान शिव और चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है।
चैत्र पूर्णिमा के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा कहा जाता है। चैत्र पूर्णिमा पर पवित्र नदियों, सरोवरों में स्नान करने का विशेष महत्व है।कोरोना महामारी के चलते घर में ही पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें। घर के आस पास जरूरतमंद लोगों को यथाशक्ति दान अवश्य करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।इस दिन सात्विक चीजों का सेवन किया जाता है।