Gharana Wetland : अध्ययन के लिए विद्यार्थी हुए स्रक्रिय, जंगल-वेटलैंड की कर रहे सैर सपाटे
घराना वेटलैंड पर वेटलैंड व परिंदों पर अध्ययन करने वालों के इन दिनों दौरे बढ़ गए हैं। घराना वेटलैंड पर वनस्पति पर अध्ययन पर जुटी वंशिका का कहना है कि अब गर्मी तकरीबन खत्म है। ऐसे में हम अपने काम को बखूबी से पूरा करने में जुट गए हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता : गर्मियां के मौसम में बदलाव आते ही प्रकृति के विभिन्न स्थलों पर अध्ययन करने या घूमने फिरने के शौकीन लोग भी सक्रिय हो जाते हैं। कारण यह कि अब गर्मी की तपन फीका पड़ चुकी है।
जम्मू के आसपास के जंगल, वेटलैंड या दूसरे प्राकृतिक स्थलों पर सुबह शाम का नजारा तो बेहद खूबसूरत है। लेकिन दोपहर को भी अब जाया जा सकता है। धूप कुछ हद तक परेशान कर सकती है, मगर घूमने फिरने के शौक के आगे यह धूप कुछ नही। वैसे भी अब दिन प्रतिदिन धूप फीकी पड़ने का समय है। ऐसे में कुल मिला यह समय प्राकृतिक स्थलों की सैर कर अध्ययन करने का है।
वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र, वेटलैंड, जंगल के विभिन्न विषय पर अध्ययन करने वाले विद्यार्थी अपने काम में जुट गए हैं। जैसे जैसे दिन गुजरेंगे तापमान में और गिरावट आएगी और मौसम सुहावना होता जाएगा। अब से लेकर ठंड के कड़ी होने तक का समय प्रकृति के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन के लिए बेहतर है। इसलिए विद्यार्थियों को इन दिनों के आने का खास इंतजार रहता है।
घराना वेटलैंड पर वेटलैंड व परिंदों पर अध्ययन करने वालों के इन दिनों दौरे बढ़ गए हैं। घराना वेटलैंड पर वनस्पति पर अध्ययन पर जुटी वंशिका का कहना है कि अब गर्मी तकरीबन खत्म है। मौसम सुहावना हो रहा है। ऐसे में हम अपने काम को बखूबी से पूरा करने में जुट गए हैं। वहीं सीमांत क्षेत्र की रहने वाली रितिका का कहना है कि उनको अपने अध्ययन में दिखाना है कि वेटलैंड हर माह कैसे अपना रंगरूप बदलता है। इसको लेकर वह काम पर हैं।
इस मौसम में उनको आने जाने या घूमने फिरने में भी परेशानी नही होती। क्योंकि मौसम साजगार हैं। ऐसे ही इंवायरमेंट पार्क सिदड़ा में भी इन दिनों विद्यार्थी की इन दिनों रौनक है। पेड़ परिचर्चा अभियान के प्रमुख ओम प्रकाश शर्मा का कहना है कि प्रकृति का सही नजारा लेना हो तो यही समय है। इसको खोना नही चाहिए।