कश्मीर में बिजली बचाने को तीन लड़कियों ने बना दिया स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटरिंग सिस्टम
कश्मीर में तीन छात्राओं ने बिजली बचाने और उसका सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीट रिंग सिस्टम तैयार किया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। कश्मीर में तीन छात्राओं ने बिजली बचाने और उसका सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीट रिंग सिस्टम तैयार किया है। यह तीनों छात्राएं समीना, शायस्ता हसन मीर और सहरीन अशरफ ने कश्मीर के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई करती हैं। छात्राओं द्वारा विकसित किए गए मॉडल को पीडीडी के चीफ इंजीनियर हश्मत काजी ने भी जांच चुके हैं और सराहना कर चुके हैं।
समीना, शायस्ता और सहरीन कहती है कि एक प्रोजेक्ट तैयार करना था। बहुत चिंतन-मनन किया। एक दिन चर्चा में हमने तय किया कि कश्मीर में बिजली की समस्या बड़ी है और कश्मीर की जरुरत है। हमने इसी पर काम करने और बिजली बचाने व सदुपयोग के लिए लोगों को प्रेरित करने की सोची। शायस्ता कहती है कि हमने स्मार्टफोन के बढ़ते इसतेमाल को भी ध्यान में रखते हुए स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीट रिंग सिस्टम तैयार करने का फैसला किया।
स्मार्ट मीटर लगाने से बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और मानव श्रम भी न्यूनतम होगा। विशेषज्ञ कर चुके हैं समीक्षाइलैक्टि्रक मेंटेनेंस एंड आरई विंग कश्मीर के विशेषज्ञों ने प्रोजेक्ट की समीक्षा करने के बाद कहा है कि मौजूदा स्मार्ट मीटर में आइओटी, क्लाऊड बेस्ड डाटा एनालासिस, बिल आधारित निगरानी, मीटर चोरी और रिले नियंत्रण जैसे नए फीचर शामिल किए गए हैं। इसे तैयार करने की लागत भी बहुत कम है। यह सिस्टम पहले से उपलब्ध एनालॉग मीटर से तैयार किया जा सकता है।
उपभोक्ता व मीटर के बीच जीएसएम आधारित कम्यूनिकेशन से यह सिस्टम बहुत ज्यादा सुगम है।मॉडयूल नेटवर्क के लिए इस्तेमाल होगा सिमकार्ड समीना, शायस्ता और सहरीन ने बताया कि एडवांस मीट रिंग और बिल व्यवस्था के लिए आर्डयूनो और जीएसएम आधारित स्मार्ट प्री-पेड एनर्जी मीटर डिजाईन कर, उसकी व्यावहारिकता व इस्तेमाल को परखने लिए उसका प्रोटोटाइप बनाकर इसतेमाल किया गया। सिस्टम तैयार करने का मकसद बहुत सस्ती दर पर आइओटी कंसेप्ट के साथ ¨सगल फेज डिजिटल एनर्जी मीटर तैयार करना है।
यह सिस्टम डिजिटल एनर्जी मीटर और वेब सर्वर गेट-वे के बीच डाटा कम्यूनिकेशन भी करेगा। इससे एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम की निगरानी होगी। मीटर जीएसएम मॉडम जोकि मीटर व लाइन कनेक्शन के प्रबंधन में शामिल हो, के जरिए वायरलेस प्रोटोकॉल के आधार पर डाटा भेजने और पढ़ने में समर्थ है। जीएसएम मॉडयूल नेटवर्क के लिए सिमकार्ड इस्तेमाल होगा। एनर्जी मीटर एसएमएस या वाईफाई के जरिये पॉवर, यूनिट डाटा को क्लाऊड तक भेजेगा।
उपभोक्ता एप्स और बेवसाइट पर अपने डाटा, रिचार्ज और खर्च बिजली की जानकारी हासिल कर सकेगा। इससे उपभोक्ताओं का बिजली बिल खर्च की गई बिजली के मुताबिक होगा। बिजली के इस्तेमाल की होगी निगारानीसिस्टम में एनर्जी मीटर का माइक्रो कंट्रोलर सिस्टम के साथ इस्तेमाल करते हुए बिजली के इस्तेमाल की निगरानी होती है। मीटर बिजली खपत की निगरानी करता है और इंटरनेट के इस्तेमाल के जरिए बिजली यूनिट और कीमत की जानकारी भी देता है। इसके अलावा बिजली चोरी पर भी एप या बेबसाईट के जरिए नजर रखी जा सकती है। सिस्टम कम बकाया होने पर उपभोक्ता को चेतावनी देने के अलावा बिजली आपूíत भी बंद करेगा। इस पूरी प्रक्रिया में कहीं भी इंसानी दखल नहीं होगा।