खेत खलिहान: अच्छा मुनाफा चाहिए तो यही सही समय है स्ट्राबेरी की खेती का
अगर आप स्ट्राबेरी की खेती करना चाहते हैं तो तुरंत खेती की तैयारी में जुट जाएं। खेत पर हल चला कर जमीन को समतल कर लें और फिर देसी या वर्मी कंपोस्ट खाद डाली जाए।
जम्मू, जागरण संवाददाता। स्ट्राबेरी की खेती किसानों को मनचाहा लाभ दे सकती है। खेती में मेहनत जरूर है लेकिन पैसा भी है। स्ट्राबेरी खेती करने वाले उन्नत किसान शाम सिंह का कहना है कि अगर आप स्ट्राबेरी की खेती करने के इच्छुक हैं, तो यही समय है पौधे लगाने का। अभी लगाई गई स्ट्राबेरी ठीक तीन माह में तैयार होने लग पड़ेगी और किसानों की आमदनी शुरू हो जाएगी।
अगर आप स्ट्राबेरी की खेती करना चाहते हैं तो तुरंत खेती की तैयारी में जुट जाएं। खेत पर हल चला कर जमीन को समतल कर लें और फिर देसी या वर्मी कंपोस्ट खाद डाली जाए। इसी से ही फल का बेहतर साइज बनेगा। 5 कनाल भूमि के लिए 20 हजार स्ट्राबेरी के पौधों की जरूरत रहेगी। यह पौधे किसान बागवानी विभाग या बाहरी राज्यों से भी मंगवा सकते हैं। पौधे लगाने से पहले खेत में 22 इंच चौड़े बेड बनाए जाएं। बेड का मध्य का भाग कुछ उभरा होना चाहिए जहां पर पौधा रोपा जाना है। यह इसलिए ताकि पानी पौधे के पास रुक न सके। पौधे लगाने से पहले बेड की जमीन की मील्चिंग की जाए तो बेहतर रहेगा। पूरे बेड पर शीट बिछ जाएगी और वहीं जगह नंगी रहेगी जहां पर पौधा लगाया जाना है।
मील्चिंग का फायदा यह होगा कि घास-फूस नहीं पनप सकेगी व वहीं जब फल लगेंगे तो मिट्टी के संपर्क में नहीं आ सकने से साफ सुथरें रहेंगे। मील्चिंग होते ही अब पौधे लगा दें। पौधे से पौधे की दूरी 6 इंच होनी चाहिए। पौधे लगाने के माह भर बाद पौधे के जड़ पास वाली नंगी भूमि पर हल्की गुड़ाई कर वहां पनपा घासफूस निकाला जाना चाहिए। हर तीसरे दिन बेड के साथ बनी नालियों में पानी छोड़ा जाए ताकि जमीन में नमी बनी रहे। आपको साठ दिनों बाद जानकार खुशी होगी पौधों पर फूल लगने आरंभ हो गए हैं। फूल लगते ही पौधों को उचित धूप चाहिए ताकि फल का साइज बन सके वफल पक सकें। अगर मौसम साजगार बना रहा तो किसानों को अच्छी कमाई हो सकेगी।
बागवानी की तरफ दें ध्यान : इन दिनों संतरे का फल पेड़ों पर तैयार हो रहा है। इसलिए इन पेड़ों की कांट छांट न की जाए और न ही हिलाया ढुलाया जाए। पक रहे फल वाले इन पेड़ों का खास ख्याल रखा जाए। जो संतरे पक गए हैं, उनको उतारा जा सकता है। फलदायक पेड़ को समय-समय पर पानी देते रहें, मगर पानी को जमीन में खड़ा नहीं होने दें, क्योंकि अतिरिक्त पानी फलदायक पौधे को नुकसान पहुंचा सकता है। यहां नए पौधे लगाए गए हैं, को बाड़ जरूर दें, ताकि पौधे का संरक्षण हो सके। बाग में उगी घासफूस को निकाला जाना चाहिए।
इन दिनों गुट्टी की खेती कर सकते हैं किसान
फूलों की खेती करने वाले किसानों के खेत अगर इन दिनों खाली हैं तो वे छोटे गेंदे के फूल यानी गुट्टी की खेती पर जा सकते हैं। अक्टूबर-नवंबर माह का समय इसकी खेती के लिए बेहतर है। अभी लगाई गई गुट्टी जनवरी माह तक तैयार होने लगेगी और किसानों की आय का जरिया बनेगी। इस सीजन में गुट्टी के दो किस्म के फूल लगाए जा सकते हैं। इसमें लाल-पीली गुट्टी,संतरी व लाल गुट्टी प्रमुख है। अभी लगाई गई गुट्टी की आने वाले शिवरात्रि के त्यौहार पर मांग एकदम से बढ़ जाती है। जो किसान गुट्टी लगाना चाहते हैं, अभी से तैयारी में जुट जाएं। दो कनाल भूमि में 2600 पौधों की जरूरत रहती है। गुट्टी के पौधा भरपूर फसल देता है। भले ही पौधे का कद छोटा रहता हो मगर पौधा खूब फैलता है जिस पर छोटे छोटे फूल लगते हैं कि पौधा फूलों से भर जाता है। जमीन को अच्छी तरह से तैयार कर लें। पौधे से पौधे की दूरी तीन चार फुट रखें ताकि पौधे का पूरी तरह से फैलाव हो सके। पौधे लगाने के बाद जब पौधा जमीन में जड़ पकड़ ले और पत्ते निकलने लगे तो एक गोडी कर देनी चाहिए। पौधे की जड़ों पर मिट्टी चढ़ाई जाए।
सप्ताह में एक बार जरूर दें पानी
उसके बाद एक, दो गोडी और दी जानी चाहिए। ख्याल रहे कि फसल को सप्ताह में एक बार पानी जरूर दिया जाए। आने वाले ढाई तीन माह के दौरान पौधे गुट्टी के फूलों से भरने आरंभ हो जाएंगे। दो कनाल भूमि में किसान 15 से 18 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकता है और 70 से 80 हजार रुपये तक की कमाई की जा सकती है।