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Jammu Kashmir: खिलाड़ियों के भविष्य से ऐसे खेल रही है बाक्सिंग एसोसिएशन, पढ़ें क्या है पूरा मामला

कड़ी मेहनत के बाद बेहतर से बेहतर प्रदर्शन के बाद जब खिलाड़ियों को यह कहा जाए कि वह खेलने के काबिल ही नहीं हैं तो खिलाड़ियों का भला कैसे होगा।पूर्व खिलाड़ी देव राजपूत ने कहा कि खिलाड़ियों को पहले ही जम्मू-कश्मीर में बहुत कम प्रतियोगिताएं मिलती हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 03:57 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 03:57 PM (IST)
Jammu Kashmir: खिलाड़ियों के भविष्य से ऐसे खेल रही है बाक्सिंग एसोसिएशन, पढ़ें क्या है पूरा मामला
जम्मू-कश्मीर बाक्सिंग एसोसिएशन के महासचिव राजन शर्मा ने फरमान सुनाया कि एसोसिएशन सिर्फ छह खिलाड़ी भेजेगी।

जम्मू, अशोक शर्मा : खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के केंद्र सरकार के सपने को जम्मू-कश्मीर बाक्सिंग एसोसिएशन ने ग्रहण लगाते हुए भाई भतीजावाद की ऐसी मिसाल कायम की है कि एसोसिएशन के रवैये से निराश खिलाड़ी खेल छोड़ने को विवश हैं। वर्षो से खून पसीना कर राज्य का सपना संजोए खिलाड़ियों को उस समय निराशा हाथ लगी जब जम्मू-कश्मीर की टीम को कर्नाटक के बीलेरी में शुरू हुई पांचवीं एलिट मेन बाक्सिंग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ही नहीं भेजा गया।एसोसिएशन ने 12 वजन वर्गों के ट्रायल करवाए। सभी खिलाड़ियों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए टीम में जगह बनाई। लेकिन खिलाड़ियों के चयन के बाद जम्मू-कश्मीर बाक्सिंग एसोसिएशन के महासचिव राजन शर्मा ने फरमान सुनाया कि एसोसिएशन सिर्फ छह खिलाड़ी भेजेगी। इस पर जिन खिलाड़ियों को छोड़ा गया। उन्हें यह कहा गया कि वह प्रतियोगिता में भाग लेने के काबिल नहीं हैं।

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हकीकत यह है कि यह सभी खिलाड़ी पिछले छह-सात वर्षो से अभ्यास कर रहे हैं। राज्य प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक जीत चुके हैं। कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं। कड़ी मेहनत के बाद बेहतर से बेहतर प्रदर्शन के बाद जब खिलाड़ियों को यह कहा जाए कि वह खेलने के काबिल ही नहीं हैं, तो खिलाड़ियों का भला कैसे होगा।पूर्व खिलाड़ी देव राजपूत ने कहा कि खिलाड़ियों को पहले ही जम्मू-कश्मीर में बहुत कम प्रतियोगिताएं मिलती हैं। उस पर से जब उन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का मौका ही नहीं मिलेगा तो खिलाड़ी क्या करेंगे।

एसोसिएशन के महासचिव की जिद के चलते खिलाड़ियों का एक वर्ष बर्बाद हो गया। जो खिलाड़ी खेलने आते हैं, वह प्रतियोगिता के लिए एक-एक दिन गिन रहे होते हैं। खिलाड़ियों के भविष्य से खेलने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आने की जरूरत है।निराश खिलाड़ियों का आरोप है कि भाई भतीजा इस कदर किया जा रहा था कि हरियाणा के एक खिलाड़ी को ट्रायल में हार के बावजूद टीम में शामिल किया गया जबकि दूसरे खिलाड़ियों को बाहर निकाल दिया गया। महासचिव राजन शर्मा ने खुले में कहा कि जो करना है कर लो हरियाणा का लड़का खेलेगा। जिसे जो करना हो कर ले। चुने जाने के बावजूद जिन खिलाड़ियों को निकाला गया। उन्होंने खेल परिषद से शिकायत की। इस पर खेल परिषद की सक्रीनिंग टीम ने एसोसिएशन को चुने गए सभी खिलाड़ियों को भेजने का सुझाव दिया लेकिन एसोसिएशन के महासचिव नहीं माने।

बढ़ते विवाद को देखते हुए किसी भी खिलाड़ी को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए नहीं भेजा गया।झिड़ी के एक खिलाड़ी ने कहा कि वह पिछले छह वर्षो से अभ्यास करने एमए स्टेडियम में आता है। राज्य प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुका है। ट्रायल में हरियाणा के खिलाड़ी को एक तरफा हराया। उसके बावजूद उन्हें यह कह कर निकाल दिया गया था कि उसे खेलना ही नहीं आता। खिलाड़ियों के साथ जब इस तरह का रवैया रहेगा तो खेलों या खिलाड़ियों का भला कैसे होगा।जम्मू-कश्मीर बाक्सिंग एसोसिएशन के महासचिव राजन शर्मा ने कहा कि वह उन्हीं छह खिलाड़ियों को भेजना चाहते थे। जिनसे पदक की उम्मीद थी। बाक्सिंग खतरनाक खेल है। इसमें सभी को कैसे भेजा जा सकता है। एसोसिएशन ने सक्रीनिंग ही नहीं की जिसके चलते टीम नहीं भेजी गई। वहीं खेल परिषद के अधिकारियों का कहना है कि खेल परिषद खिलाड़ियों के साथ गलत होता नहीं देख सकती। जब पैसा खेल परिषद खर्चती है तो सभी वजन वर्ग के खिलाड़ियों को ले जाने में क्या परेशानी थी।


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