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Coronavirus Effect: दसवीं और बारहवीं के पाठ्यक्रम में तीस फीसद कटौती होगी, शिक्षा अधिकार कानून के नियम भी बनेंगे

जम्मू कश्मीर में शिक्षा अधिकार कानून के नए नियम जल्द बनाए जाएंगे। एनसीईआरटी की तर्ज पर जम्मू कश्मीर स्टेट काउंसिल फार रिसर्च एंड ट्रेनिंग का गठन भी जल्द किया जाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 09:44 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 11:51 AM (IST)
Coronavirus Effect: दसवीं और बारहवीं के पाठ्यक्रम में तीस फीसद कटौती होगी, शिक्षा अधिकार कानून के नियम भी बनेंगे

राज्य ब्यूरो, जम्मू : स्कूल शिक्षा विभाग दसवीं और बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में तीस फीसद की कटौती करेगा। कोरोना से उपजे हालात, स्कूलों के बंद रहने को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने यह फैसला किया है।

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शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून ने ट््वीट बताया कि पाठ्यक्रम में कटौती की गई है। कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन ने एक कमेटी का गठन किया था। इसने सिफारिश की थी कि कोरोना के मद्देनजर विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए पाठ्यक्रम में चालीस फीसद की कटौती की जाए। इसका प्रस्ताव बनाकर बोर्ड ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून को भेजा था। कश्मीर संभाग और ङ्क्षवटर जोन में दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षा अक्टूबर और नवंबर 2020 में होनी है जबकि समर जोन में परीक्षाएं फरवरी मार्च 2021 में होनी है।

इस समय स्कूल बंद हैं। ऐसे में विद्यार्थियों पर अधिक बोझ न पड़े, इसलिए पाठ्यक्रम में कटौती की जा रही है। बोर्ड की चेयरपर्सन वीना पंडिता ने कहा कि उनके पास फिलहाल कोई आदेश नहीं आया है, इसलिए इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती।  

शिक्षा अधिकार कानून के नियम जल्द बनेंगे:  जम्मू कश्मीर में शिक्षा अधिकार कानून के नए नियम जल्द बनाए जाएंगे। एनसीईआरटी की तर्ज पर जम्मू कश्मीर स्टेट काउंसिल फार रिसर्च एंड ट्रेनिंग का गठन भी जल्द किया जाएगा। शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों के घरोें तक उच्च शिक्षा पहुंचाने के लिए 777 हायर सकेंडरी स्कूलों का दर्जा बढ़ाकर डिग्री कालेज बनाया जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति के तहत जम्मू कश्मीर में 20 डिस्ट्रिक इंस्टीट्यूट आफ एजूकेशन एंड ट्रेनिंग को टीचर्स ट्रेनिंग कालेजों के रूप में बदला जाएगा। चार हजार सरकारी अध्यापकों को एकीकृत तीन साल का बीएड कोर्स करवाया जाएगा। इसके लिए जम्मू और कश्मीर विश्वविद्यालय डिग्रियां प्रदान करेगी।


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