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Jammu Kashmir : वुल्लर झील के 200 मीटर दायरे में कोई निर्माण नहीं होगा

चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस संयज धर की अध्यक्षता में गठित डिवीजन बेंच ने कश्मीर की वुल्लर झील के दो सौ मीटर दायरे में किसी भी किस्म के निर्माण पर रोक ने के निर्देश जारी किए हैं।

By VikasEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 08:10 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 08:10 PM (IST)
Jammu Kashmir : वुल्लर झील के 200 मीटर दायरे में कोई निर्माण नहीं होगा
कश्मीर की वुल्लर झील के दो सौ मीटर दायरे में किसी भी किस्म के निर्माण पर रोक के निर्देश जारी

जम्मू, जेएनएफ । चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस संयज धर की अध्यक्षता में गठित डिवीजन बेंच ने कश्मीर की वुल्लर झील के दो सौ मीटर दायरे में किसी भी किस्म के निर्माण पर रोक के निर्देश जारी किए हैं। बेंच ने इस आदेश पर तत्काल कार्रवाई करते हुए वहां पर हुए अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी जारी किए हैं।जब यह याचिका पर बेंच के समक्ष पेश हुई तो बेंच को पता चला कि झील की चारदीवारी के भीतर कचरा फेंका जा रहा है।

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सुनवाई के दौरान अडिशनल एडवोकेट जनरल बीए डार और संबंधित डिप्टी कमिश्नर भी मौजूद थे जिन्होंने कहा कि कचरे के लिए कुछ जगह कह जरूरत है। इस पर बेंच ने कहा कि इस पर कोई बहाना नहीं चलेगा। झील के आसपास कचरा नहीं हाेना चाहिए और यह मापदंडों के भी विरुद्ध् है। झील के आसपास प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। बेंच ने झील के आसपास निर्माण पर पूर्ण रोक लगाने के निर्देश जारी किए।

तुरंत कार्रवाई करने और अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए

बेंच ने इस संदर्भ में तुरंत कार्रवाई करने और अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए। वहीं सुनवाई के दौरान डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेस अथारिटी के सचिव भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए जिन्होंने बताया कि बारामूला और सोपोर में कचरा निस्तारण के लिए के जगह चिन्हित की जा रही है। बेंच ने इस पर पुलिस से भी मदद लेने के निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि झील के आसपास गंदगी व अतिक्रमण न हो।

रिश्वत लेने के आरोपित हवाई अड्डे के सहायक निदेशक को मिली जमानत

जम्मू, जेएनएफ । ठेकेदार से रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथ सीबीआई के हत्थे चढ़े जम्मू हवाई अड्डे के सहायक निदेशक उमेश कुमार वर्मा को उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी। आरोपित उमेश कुमार को सीबीआई जम्मू ने 10 सितंबर को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेने केे आरोप में पकड़ा था। याचिककर्ता की ओर से पेश वकील ने उच्च न्यायालय को कहा कि उमेश कुमार को झूठे आरोप में फंसाया गया हैं। ठेकेदार के कहने पर बिना किसी ठोस सबूत के इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया हैं। उन्होंने न्यायालय के समक्ष सर्वोच्च न्यायालय के कई फैसलों का हवाला दिया जिसमें ऐसे मामलों में आरोपित को जमानत मिल गई थी। वहीं, सीबीआई की ओर से पेश वकील ने उमेश कुमार को जमानत देने का विरोध किया। उन्होंने कहाकि इस मामले में अभी गवाहों के बयान दर्ज करना बाकी हैं। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस संजय धर ने फैसले में कहाकि भ्रष्टाचार के इस मामले में सीबीआई की जांच पूरी हो गई हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसे कई मामलों में आरोपित को जमानत देने को कहा हैं।


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