राजपथ से दुनिया देखेगी जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा, विख्यात कलाकार वीर मुंशी कर रहे हैं झांकी तैयार
केंद्र शासित प्रदेश की झांकी-2022 विकासात्मक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में जम्मू और कश्मीर के बदलते चेहरे को दर्शाती है। झांकी का ट्रैक्टर भाग जम्मू संभाग के त्रिकुटा पर्वत में कटडा स्थित विश्व प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी भवन को प्रदर्शित किया गया है।
जम्मू, अशोक शर्मा : आजादी के अमृत महोत्सव के गणतंत्र दिवस समारोह को यादगार बनाने की किसी भी तैयारी में कोई कसर न रह जाए। इसको लेकर हर कोई अपने तौर पर दिन-रात एक किए हुए है। जितने भी राज्यों को अपनी झांकी पेश करने के लिए कहा गया है वह सभी बेहतर से बेहतर करने में जुटे हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के विख्यात कलाकार वीर मुंशी ने गागर में सागर भरने का काम करते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के दोनों संभागों के विकास का ऐसा चेहरा पेश किया है कि कोई भी चाहेगा कि बदले हुए इस जम्मू-कश्मीर में सुकून के कुछ दिन जरूर बिताए जाएं। झांकी इतनी आकर्षक है कि मन चाहता है, इसे निहारते ही रहें।
जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के अतिरिक्त सचिव सजीव राणा का दावा है कि मंच के सामने से जब जम्मू-कश्मीर की झांकी गुजरेगी तो देश-दुनिया के जो लोग भी गणतंत्र दिवस समारोह देख रहे होंगे। उन्हें यह झांकी जरूर आकर्षित करेगी। झांकी के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के दोनों संभागों को की विकास यात्रा को खूबसूरती से दर्शाया गया है। जम्मू को मंदिरों के शहर के रूप में जाना जाता है। जबकि कश्मीर घाटी अपने घास के मैदानों, झीलों, गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे ऊंचाई वाले पर्यटन स्थलों, सुंदर मुगल और ट्यूलिप गार्डन और मार्तंड सूर्य मंदिर, नारानाग, माता खीर भवानी और शंकराचार्य जैसे प्राचीन धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
केंद्र शासित प्रदेश की झांकी-2022 विकासात्मक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में जम्मू और कश्मीर के बदलते चेहरे को दर्शाती है। झांकी का ट्रैक्टर भाग जम्मू संभाग के त्रिकुटा पर्वत में कटडा स्थित विश्व प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी भवन को प्रदर्शित किया गया है। जो दर्शाता है कि कैसे माता वैष्णो देवी का आशीर्वाद यहां के लोगों पर है। माता के दर्शनों को हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। उन श्रद्धालुओं को भी यह दृश्य जरूर सुकून पहुंचाएगा।
झांकी तैयार करने वाले कलाकार वीर मुंशी ने बताया कि झांकी के ट्रॉली भाग में भारतीय प्रबंधन संस्थान, आइआइएम, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,आइआइटी, एम्स और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना को दर्शाया गया है, जो हाल के वर्षों में यूटी में कुछ रोमांचक विकास हैं। झांकी का मुख्य आकर्षण चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, जो कश्मीर को रेल के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
इसके अलावा, हाल ही में निर्मित बनिहाल, काजीगुंड राजमार्ग टनल, जिसे पिछले साल यातायात के लिए खोल दिया गया था, को कश्मीर के बर्फ से ढके पहाड़ों की पृष्ठभूमि में दर्शाया गया है। यह भारत की सबसे लंबी सुरंग में से एक है। जिसकी लंबाई 8.45 किमी है। सुरंग श्रीनगर और जम्मू के बीच की दूरी को 16 किमी और बनिहाल और काजीगुंड के बीच यात्रा के समय को 2 से 3 घंटे से घटाकर 16 मिनट कर देती है। केंद्र शासित प्रदेश की झांकी को जम्मू-कश्मीर के पारंपरिक लोक संगीत से और समृद्ध किया गया है। झांकी के साथ भाग ले रहे कलाकार पूरी निष्ठा से रिहर्सल कर रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि झांकी के माध्यम से वह जम्मू-कश्मीर की एक समृद्ध तस्वीर पेश करने में सफल रहेंगे।