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जम्मू के बलिदान स्तंभ पहुंची सेना की विजय मशाल, देशभक्ति के नारों से गूंजा युद्ध स्मारक

देश की सरहदों की रक्षा करते हुए शहीद हुए सेना के वीरों की याद में बना जम्मू का बलिदान स्तंभ बुधवार को स्वर्णिम विजय मशाल के पहुंचने पर देशभक्ति के नारों से गूंज उठा।विजय मशाल के जम्मू के सुंजवां मिलिट्री स्टेशन के क्षेत्राधिकार में पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 06:01 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 06:01 PM (IST)
जम्मू के बलिदान स्तंभ पहुंची सेना की विजय मशाल, देशभक्ति के नारों से गूंजा युद्ध स्मारक
कालुचक्क मिलिट्री स्टेशन से विजय मशाल के जम्मू के सुंजवां मिलिट्री स्टेशन के क्षेत्राधिकार में पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। देश की सरहदों की रक्षा करते हुए शहीद हुए सेना के वीरों की याद में बना जम्मू का बलिदान स्तंभ, बुधवार को स्वर्णिम विजय मशाल के पहुंचने पर देशभक्ति के नारों से गूंज उठा।

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सेना के कालुचक्क मिलिट्री स्टेशन से विजय मशाल के जम्मू के सुंजवां मिलिट्री स्टेशन के क्षेत्राधिकार में पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ। सुंजवां मिलिट्री स्टेशन के ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर एपी सिंह व वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के कुछ नायकों ने जम्मू के बलिदान स्तंभ पर विजय मशाल का स्वागत किया। इस दौरान बलिदान स्तंभ में सेना के उन वीरों को सलामी दी गई जिन्होंने देश की सरहदों की रक्षा करते हुए युद्ध के मैदान में वीरगति पाई है। इस दौरान युद्ध में हिस्सा लेने वाले कुछ पूर्व सैनिकों को सम्मानित भी किया गया।

इस मौके पर विचार व्यक्त करते हुए ब्रिगेडियर एपी सिंह ने वर्ष 1971 के युद्ध का हवाला देते हुए कहा कि सेना के जवानों ने विश्व में अपनी बहादुरी का लोहा मनवा दिया था। यह युद्ध देश की रक्षा के लिए तत्पर युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। वहीं कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व सैनिकाें ने पचास साल पहले लड़े गए एतिहासिक युद्ध के अनुभव साझा कर पुरानी यादों का ताजा किया।

बलिदान स्तंभ पर कार्यक्रम के दौरान 1971 के युद्ध में हिस्सा ले चुके पूर्व सैनिकों ने तीन रंग के गुब्बारे भी हवा में उड़ाए। वहीं सेना के बैंड के सदस्यों ने देशभक्ति की धुनें पेश कर समा बांधा। बलिदान स्तंभ पर सेना का कार्यक्रम दोपहर तक चला। इसके बाद विजय मशाल को रैली की सूरत में आगे के कार्यक्रमाें के लिए सुंजवां मिलिट्री स्टेशन ले जाया गया।

इसी बीच कालुचक्क के बाद अब कुछ दिन सुंजवां मिलिट्री स्टेशन में विजय मशाल के सम्मान के कार्यक्रम चलेंगे। वीरवार को सुजंवां मिलिट्री स्टेशन में वर्ष 1971 के युद्ध की डाक्यूमेंटरी फिल्म प्रदर्शित की जाएगी। इसके साथ सुंजवां में होने वाले एक कार्यक्रम के दौरान 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले जम्मू के कुछ पूर्व सैनिकों को सम्मानित भी किया जाएगा। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी के चलते अब विजय मशाल के सम्मान में आयोजित हो रहे कार्यक्रम में सीमित संख्या में लोगों को बुलाया जा रहा है।


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