Jammu Kashmir: घराना वेटलैंड की शान बना प्रवासी सरपट्टी सवन पक्षी, माउंट एवरेस्ट पार करने की क्षमता
जम्मू-कश्मीर के घराना वेटलैंड पर हर साल सर्दियों में आने वाले प्रवासी पक्षी सरपट्टी सवन (बार हेडड गीज) पर अबकी पक्षी प्रेमियों की कड़ी नजर रहेगी। दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने के लिए माने जाने वाले यह पक्षी काफी बरसों से घराना वेटलैंड पर आ रहे हैं।
जम्मू, गुलदेव राज। जम्मू-कश्मीर के घराना वेटलैंड पर हर साल सर्दियों में आने वाले प्रवासी पक्षी सरपट्टी सवन (बार हेडड गीज) पर अबकी पक्षी प्रेमियों की कड़ी नजर रहेगी। दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने के लिए माने जाने वाले यह पक्षी काफी बरसों से घराना वेटलैंड पर लगातार आ रहे हैं। लेकिन अब इनका दायरा और बढ़ गया है। घराना के अलावा यह जम्मू कश्मीर के अन्य हिस्सों में भी नजर आने लगे हैं। इन पक्षियों को पिछले साल रणजीत सागर डेम क्षेत्र पर भी घेरा लगाए हुए देखा गया था। वहीं पिछले दो साल से यह सरपट्टी सवन कश्मीर के पंपोर वेटलैंड पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
इससे अंदाजा होने लगा है कि सरपट्टी सवन आने वाले समय में और कई जगहों पर नजर आ सकते हैं। ग्रे सिलेटी रंग के इस पक्षी के सिर के पीछे दो काली धारियां होती हैं। इसी से ही इस पक्षी को नाम मिला है। तकरीबन छह हजार सरपट्टी सर्दियों में घराना वेटलैंड पर पहुंचते हैं और कुछ माह का समय यही पर बिताते हैं। अपने दिलकश नजारों से यह पक्षी पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। जब यह आसान में उड़ते हैं तो इनका शोर दूर दूर तक सुना जा सकता है। वन्यजीव संरक्षण विभाग के वार्डन अनिल अत्री का कहना है कि घराना वेटलैंड के विाकस के लिए मैनेजमेंट प्लान बन रहा है। इस स्थल को सुरक्षित किया जा रहा है।
माउंट एवरेस्ट को भी पार कर जाते हैं
सरपट्टी सवन दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर उड़ने वाले पक्षियों में से एक है। अपने प्रवास के दौरान यह पक्षी माउंट एवरेस्ट की चोटी को भी पार कर जाते हैं जहां हवा इतनी तेज चलती है कि कोई भी टिक नही सकता। मगर यह पक्षी इस वातावरण में भी उड़ने में सक्षम होते हैं। घराना वेटलैंड में आने वाले सरपट्टी सवन कहां से आते हैं, अभी अध्ययन का विषय है। ऐसा अंदाजा है कि यह पक्षी लेह से यहां आते होंगे जोकि सबसे नजदीक की ब्रीडिंग ग्राउंड हैं।
सरपट्टी सवन से फसलों को होता है नुकसान
घराना आने वाले सरपट्टी सवन फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। खासकर अंकुरित हो रही गेहूं की फसल के खेत में जब सरपट्टी सवन का झुंड बैठ जाता है तो पौधे कुचले जाते हैं। इन पक्षियों से फसलों को को बचाने के लिए कई बार ग्रामीणों को अपने खेतों में बुत खड़े करने पड़ते हैं। पक्षियों द्वारा फसलों को होने वाले नुकसान के बारे में ग्रामीणों ने कई बार वन्यजीव संरक्षण विभाग को भी जानकारी दी। लोगों का कहना है कि अगर प्रवासी पक्षी द्वारा खेतों को नुकसान होता है तो मुआवजा दिया जाना चाहिए।
घराना के तालाब की है यह शान
सरपट्टी सवन घराना वेटलैंड के तालाब की शान हैं। वैसे तो वेटलैंड पर अक्तूबर माह से ही पक्षियों के आने का क्रम आरंभ हो जाता है। लेकिन सरपट्टी सवन के बिना तालाब में रौनक ही नही बन पाती। इसलिए लोगों को इन पक्षियों के आने का खास इंतजार रहता है। कई बार तो घराना वेटलैंड का सारा तालाब ही इन पक्षियों से इस कदर भर जाता है कि तालाब खिल ही उठता है। सुबह से लेकर शाम तक इन पक्षियों की तालाब में होने वाली अठखेलियों से वातावरण खिल जाता है।
सीमा क्षेत्र के भी दर्शन घराना
घराना वेटलैंड आरएस पुरा सेक्टर में भारत-पाक सीमा पर स्थित है।वेटलैंड से दोनों देशों के टावर आसानी से देखे जा सकते हैं। इसलिए लोगों के लिए यह जगह खास है। पक्षियों को देखने के लिए आने वाले पर्यटकों को बार्डर क्षेत्र के दर्शन भी हो जाते हैं। यहां पर कई बार घूमने आ चुकी सिमरण का कहना है कि वेटलैंड स्थल को इंपोर्टड बर्डस एरिया की संज्ञा दी गई है। इस स्थल को सुरक्षित करने के लिए सरकार को शीघ्र कदम उठाने चाहिए।