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जम्मू-कश्मीर में कैदियों की बढ़ती तादाद-कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बनाई गई तीन पूरक जेल

Jails In Jammu Kashmir जम्मू कश्मीर की जेलों में 3246 कैदियों और बंदियों को रखे जाने की क्षमता है। इसके बावजूद करीब 4500 कैदी जेलों में बंद हैं और इनमें से 1400 नशीले पदार्थाें की तस्करी के आरोपित हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 07:51 AM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 07:51 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर में कैदियों की बढ़ती तादाद-कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बनाई गई तीन पूरक जेल
कुलगाम में पुलिस स्टेशन के भीतर स्थित एक इमारत को पूरक जेल घोषित किया गया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में कैदियों की बढ़ती तादाद और कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रशासन ने घाटी में तीन नए पूरक कारावास बनाए हैं। इनमें से एक उत्तरी कश्मीर और दो दक्षिण कश्मीर में हैं। इसके अलावा जम्मू के साथ सटे भलवाल में भी हाई सिक्योरिटी जेल तैयार की जा रही है। पुंछ में भी 200 कैदियों की क्षमता वाली एक नई जेल का निर्माण जारी है। मौजूदा समय में जम्मू कश्मीर में दो सेंट्रल जेल, नो जिला, एक विशेष जेल के अलवा एक सब जेल है।

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प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि गृह विभाग ने तीन अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कर जिला प्रशासन कुपवाड़ा, अनंतनाग और कुलगाम को तीन इमारतों को पूरक जेल के रूप में उपलब्ध कराने के लिए कहा था। कुपवाड़ा में पहाड़ी छात्रावास की इमारत को पूरक जेल बनाया गया है। यह छात्रावास जिला जेल कुपवाड़ा के साथ सटा हुआ है। दक्षिण कश्मीर के खेरीबल, मट्टन अनंतनाग स्थित सशस्त्र पुलिस बल परिसर की एक इमारत और कुलगाम में पुलिस स्टेशन के भीतर स्थित एक इमारत को पूरक जेल घोषित किया गया है।

3246 कैदियों की क्षमता, 4500 कैदी जेलों में बंद : जम्मू कश्मीर की जेलों में 3246 कैदियों और बंदियों को रखे जाने की क्षमता है। इसके बावजूद करीब 4500 कैदी जेलों में बंद हैं और इनमें से 1400 नशीले पदार्थाें की तस्करी के आरोपित हैं। इसके अलावा जेलों में करीब एक हजार के करीब आतंकी व राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे तत्व भी शामिल हैं। 40 के करीब बांग्लादेशी, म्यांमारी और नेपाली नागरिक भी विभिन्न अपराधों में सलिंप्तता के कारण बंद हैं।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए जरूरी हो गया था : गृह विभाग और जम्मू कश्मीर कारावास विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि जेलों में कैदियों की भीड़ कई तरह की समस्याएं पैदा करती है। इससे जेलों की सुरक्षा भी प्रभावित होती है। इसके अलावा कोविड-19 महामारी से पैदा हालात में भी जेलों में बंद कई कैदियों को पेरोल पर रिहा करना पड़ा, क्योंकि जेलों में भीड़ ज्यादा थी और भीड़ में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता है। इसको लेकर पूरक जेल बनाना बेहद जरूरी था।

पूरक जेलों में विचाराधीन कैदियों को रखा जाएगा : अधिकारियों ने बताया कि पूरक जेलों में सिर्फ उन्हीं कैदियों, बदियों और विचाराधीन कैदियों को रखा जाएगा, जिन पर कोई गंभीर मामला नहीं है। कुपवाड़ा की पूरक जेल में उत्तरी कश्मीर और मट्टन व कुलगाम में बनाई गई पूरक जेल में दक्षिण कश्मीर के ही कैदियों को रखा जाएगा। इनमें अधिकांश वहीं हैं, जिन्हेंं कानून व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से एहतियातन गिरफ्तार किया गया है।

दुर्दांत आतंकियों के लिए हाई सिक्योरिटी जेल भी : कारावास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने अब कुख्यात और दुर्दांत आतंकियों के अलावा नामी गैंगस्टरों के लिए एक हाई सिक्योरिटी जेल भी बनाना शुुरू कर दी है। यह जेल जम्मू के बाहरी क्षेत्र में स्थित कोट भलवाल सेंट्रल जेल से कुछ ही दूरी पर धारोचन, भलवाल गांव में बनाई जा रही है। जेल के लिए 400 कनाल जमीन को चिन्हित करते हुए संबंधित प्रशासन ने इसके स्थानांतरण की प्रक्रिया को भी लगभग पूरा कर लिय है। जेल का प्रारूप और डीपीआर भी तैयार है।  


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