रेल मार्ग से कश्मीर पहुंचने को बढ़ा एक और कदम
कटड़ा-बनिहाल-बारामुला रेलवे परियोजना में रियासी के ग्रा मोड़ इलाके में बन रहे देश के पाच सबसे ऊंचे पुलों में शुमार रेलवे पुल नंबर 39 के आठ पिलरों पर 64 मीटर गार्डर बिछाने के पहले चरण का काम पूरा कर लिया गया है।
राजेश डोगरा, रियासी :
रेल मार्ग से जरिए जम्मू से कश्मीर पहुंचने का सपना साकार करने के लिए बुधवार को एक कदम और बढ़ गया। कटड़ा-बनिहाल-बारामुला रेलवे परियोजना में रियासी के ग्रा मोड़ इलाके में बन रहे देश के पाच सबसे ऊंचे पुलों में शुमार रेलवे पुल नंबर 39 के आठ पिलरों पर 64 मीटर गार्डर बिछाने के पहले चरण का काम पूरा कर लिया गया है। इस पुल की कुल लंबाई 490 मीटर है। अगले चरणों में शेष बचे 426 मीटर और गार्डर बिछाए जाएंगे। इस मेगा पुल की खासियत यह होगी कि दो लाइनों और प्लेटफार्म वाला रियासी स्टेशन यार्ड इसी पुल पर स्थित होगा। इस पुल का निर्माण कार्य अफकान ब्रिज कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। सितंबर 2016 से शुरू हुए इस पुल का निर्माण कार्य अगले वर्ष जून तक पूरा करने का लक्ष्य है।
उत्तर एवं उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी के मुताबिक, कटड़ा-रियासी के बीच बन रहा रेलवे पुल संख्या 39 इंजीनियरिंग का चमत्कार होगा। इसमें लगभग सात हजार मिलियन टन ठोस इस्पात और 6700 मिलियन टन संरचनात्मक इस्पात का इस्तेमाल किया गया है। इसके सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए गार्डर लगाने तथा रियासी स्टेशन यार्ड (मेन लाइन, लूप लाइन और दोनों ओर के प्लेटफार्म बनाने) का काम शुरू हो गया है। कटड़ा-बनिहाल के बीच 111 किमी रेल लाइन बिछाने का काम प्रगति पर :
जम्मू से बारामुला (कश्मीर) को भारतीय रेल नेटवर्क के साथ जोड़ने के लिए 326 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की योजना है। अभी तक 215 किलोमीटर रेल मार्ग का कार्य पूरा हो गया है, जिस पर रेलगाड़िया चल रही है। शेष बचे कटड़ा-बनिहाल रेल सेक्शन के बीच 111 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम प्रगति पर है। हिमालय भूभाग के इस दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में जारी कई रेलवे पुल और सुरंगों का निर्माण कार्य बेहद कठिन तथा चुनौतीपूर्ण है। रोमांचक होगा सफर :
रेल सेक्शन का काम पूरा हो जाने के बाद जब ट्रेन चलेगी तो यात्रियों के लिए सफर बेहद यादगार होगा। विशेषकर कटड़ा धर्म सेक्शन के बीच का सफर काफी रोमाचपूर्ण होगा। कटड़ा धर्म सेक्शन के बीच 16 टनल और 22 पुल बनेंगे। 47. 8 किलोमीटर के इस सेक्शन में 41 किलोमीटर सफर टनल से और चार किलोमीटर सफर पुल पर से होगा। केवल 2.8 किलोमीटर सफर जमीन पर होगा। पुल के एक पिलर की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ऊंची :
रियासी के ग्रा मोड़ इलाके में बन रहे पुल नंबर 39 की लंबाई 490 मीटर और ऊंचाई 105 मीटर है। पुल में 8 स्पैन हैं। पुल का एक पिलर तो कुतुब मीनार से भी 22 मीटर ऊंचा है, जिसे निर्माण कंपनी अफकान ब्रिज कंस्ट्रक्शन कंपनी ने रिकॉर्ड समय 30 दिन में बना दिया था। यह पिलर 103.26 मीटर ऊंचा है, जिसका जमीन के ऊपर का भाग 95 मीटर है। जबकि कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर है। आयताकार पिलर का बाटम एक तरफ से 10 मीटर तो दूसरी तरफ से 7.5 मीटर चौड़ा है। जबकि टॉप में एक भाग से 10 मीटर चौड़ा तो दूसरा भाग 3.5 मीटर चौड़ा है। इस पिलर को रैक्टेंगुलर टेपर्ड और स्लिप फ्रॉम टेक्नोलॉजी के तहत बनाया गया है, जिससे इसे अतिरिक्त मजबूती मिली है।