लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए युवा ही नहीं बुजुर्ग भी खुलकर सामने आए
वर्ष 1915 में जन्मी सुहाग ने मतदान करने के बाद कहा कि एक एक वोट की कीमत होती है। सुहाग रानी इस आयु में भी चार घंटे पूजा पाठ करती है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए युवा ही नहीं बुजुर्ग भी खुलकर सामने आए। लगभग सभी मतदान केंद्रों में बड़ी संख्या में बुजुर्गों ने वोट डाले। जो बुजुर्ग नहीं चल नहीं पा रहे थे, वे भी परिवारजनों को सहारा बनाकर पहुंचे।
मुट्ठी के दर्शन लाल, अजरुन शर्मा, सत्या देवी, शीलो, मुंशी राम ने कहा कि वोट हमारा अधिकार है। अगर अभी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे तो फिर बाद में किसी को दोषी कहना ठीक नहीं। पहले हम अपनी ड्यूटी निभाएं फिर प्रत्याशी को पूछ सकते हैं। लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति यही है। वोटिंग से सही व योग्य व्यक्ति जीत का प्रतिनिधि बनता है। जन प्रतिनिधि को भी पता होता है कि वह चुना नुमाइंदा है।
लोगों को उससे अपेक्षाएं हैं। वह भी अपने कर्तव्य का पालन करेगा। यह सब तभी संभव होगा जब हर कोई मतदान करे। शरीर बेशक बूढ़ा हो गया हो लेकिन मन और दिमाग में लोकतंत्र के प्रति जो श्रद्धा है, उसे वे कम नहीं होने देंगे।
लोकतंत्र में एक एक वोट की कीमत होती है। यह बात 104 वर्षीय सुहाग रानी ठुकराल भी समझती है। रिहाड़ी चुंगी की 104 वर्षीय सुहाग रानी वार्ड आठ में मतदान करने के लिए पहुंची। उनके परिवार के सदस्य उन्हें गाड़ी में मतदान केंद्र तक लेकर आए।
वर्ष 1915 में जन्मी सुहाग ने मतदान करने के बाद कहा कि एक एक वोट की कीमत होती है। सुहाग रानी इस आयु में भी बिलकुल स्वस्थ है और नियमित तौर पर चार घंटे पूजा पाठ करती है। उनके दो बेटों, पोते पोतियों सहित भरापुरा परिवार है। उन्होंने कहा कि गाड़ी में वोट डालने के लिए लाया गया और गाड़ी में वापिस घर जाऊंगी। कोई परेशानी नहीं हुई।
थन्ना मंडी से निकाय चुनाव लड़ रहे 90 वर्षीय उम्मीदवार ख्वाजा अब्दुल हमीद ने मतदान केंद्र में पहुंचकर मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि मैं अपने वार्ड के विकास के लिए चुनावी मैदान में उतरा हूं। मेरी उम्र के अधिकतर लोग इस दुनिया से विदा हो चुके हैं, लेकिन अभी मेरी सांसें चल रही हैं। मैं भी अपने वार्ड के विकास में अपना योगदान देना चाहता हूं। इसलिए चुनावी मैदान में उतरा हूं।