Natrang Theater : राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उजागर करता दिखा नाटक ‘जंगी राम की हवेली’
नटरंग नाट्य श्रृंखला में मंचित नाटक जंगी राम की हवेली राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उजागर करता दिखा। गुरुशरण सिंह के लिखे इस नाटक का निर्देशन नीरज कांत ने किया। यह नाटक उत्तर भारत के लोकप्रिय नाटकों में से है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : नटरंग नाट्य श्रृंखला में मंचित नाटक जंगी राम की हवेली राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उजागर करता दिखा। गुरुशरण सिंह के लिखे इस नाटक का निर्देशन नीरज कांत ने किया। यह नाटक उत्तर भारत के लोकप्रिय नाटकों में से है। नाटक के माध्यम से भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से नाटक के हजारों शो हो चुके हैं।
नाटक हवेली के चार निवासियों की कहानी है। हवेली देश का प्रतीक है और निवासी देश के नागरिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जंगीराम पर अत्यधिक निर्भर रहने वाले निवासियों को उसके बिना जीवित रहने का पता नहीं था। इस स्थिति से परेशान निवासियों ने कथावाचक की मदद ली और इससे उन्हें जागृत करने और खुद के लिए काम करने में मदद मिली। इसने उन्हें अपना नया प्रतिनिधि चुनने के लिए चुनाव कराने के लिए प्रेरित किया। नया प्रतिनिधि पुराने जैसा ही था और उसने स्थितियों में सुधार के लिए कुछ नहीं किया। जिस स्थान पर वे रहते हैं, वह इतनी खराब स्थिति में हैं कि वे अब भी उसी नाव पर हैं जैसे वे पहले थे।
नाटक का समापन तब होता है, जब कथाकार लोगों को यह समझने में सफल हो जाता है कि किसी भी दबाव में उन्हें अपने लिए कैसे जीना है और लोकतंत्र उनका जन्म सिद्ध अधिकार है। कलाकारों ने जिस ऊर्जा के साथ नाटक किया, उससे नाटक और भी प्रभावशाली दिखा। नाटक यह समझाता दिखा कि उन्हें आजादी मूल्य समझना चाहिए।
नाटक में अभिनय करने वाले कलाकारों में कननप्रीत कौर, सागर गुप्ता, सुधांशु ईशर, भृगु शर्मा, गारू राम, राहुल गुप्ता, लवली शर्मा, गगन सूदन, प्रथदीप सिंह, भवानी सिंह और कुशाल भट शामिल थे। नीरज कांत द्वारा लाइट्स को डिजाइन और निष्पादित किया गया था जबकि संगीत लवली शर्मा ने तैयार किया। प्रस्तुति बृजेश अवतार शर्मा ने की और शो का समन्वय मोहम्मद यासीन ने किया।