ज्यौड़ियों के सीएचसी में समय से नहीं आते डाक्टर, परेशान होते हैं मरीज
डाक्टरों की मनमानी के कारण ज्यौड़ियां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की ओपीडी में आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डाक्टर अपनी मनमर्जी से आते हैं और समय से पहले चले जाते हैं। कुछ डाक्टर तीन बजते ही सीएचसी से चले जाते हैं।
संवाद सहयोगी, ज्यौड़ियां : डाक्टरों की मनमानी के कारण ज्यौड़ियां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की ओपीडी में आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डाक्टर अपनी मनमर्जी से आते हैं और समय से पहले चले जाते हैं। कुछ डाक्टर तीन बजते ही सीएचसी से चले जाते हैं। ऐसा बताया जाता है कि वे ज्यौड़ियां के विभिन्न निजी क्लीनिकों में भी जाते हैं। इसी वजह से वे अस्पताल से जल्दी चले जाते हैं।
ज्यौड़ियां के रहने वाले राम शर्मा, अजय कुमार, अशोक सिंह आदि ने बताया कि सरकारी अस्पताल में गरीब ही अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं। जब अस्पताल में डाक्टर नहीं होते हैं तो मजबूरन उन्हें प्राइवेट क्लीनिकों में ही दिखाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि ज्यौड़ियां सीएचसी में एक्स-रे मशीन और अल्ट्रासाउंड मशीन भी है, लेकिन इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पाता है। से मजबूर होकर गरीब ग्रामीण बाहर से एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड करवाते हैं। राम शर्मा ने बताया की सीएचसी में लैबोरेट्री भी है, फिर भी यहां कोई टेस्ट नहीं होता। ऐसे में लोगों को प्राइवेट लैब वालों के यहां जाना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल के डाक्टरों की मिलीभगत से निजी क्लीनिकों और लैब वालों की दुकानदारी खूब फलफूल रही है, लेकिन गरीब आदमी मारा जा रहा है। एसडीएम और बीएमओ को समस्या बताने पर नहीं हुई कार्रवाई
स्थानीय लोगों ने कहा अगर सीएचसी में गरीबों का इजाल नहीं होता है तो इसे क्यों खोला गया है। सीएचसी में अगर सरकार ने हर सुविधा दी हुई है, तो क्यों लोगों को बाहर से अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ता है। क्यों उन्हें बाहर से एक्स-रे करवाने पड़ते हैं। स्थानीय निवासी कुलदीप कुमार ने बताया कि जब देवीपुर में जनता दरबार लगाया गया था, तो अखनूर के एसडीएम नवनीत मान को हमने इस समस्या के बारे में अवगत करवाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही नहीं, इस विषय पर बीएमओ अखनूर को भी कई बार बता चुके हैं, फिर समस्या जस की तस बनी हुई है।