Jammu Kashmir: भूख हड़ताल पर बैठे पंच-सरपंचों की हालत बिगड़ी, पर इरादे नहीं डिगे
जम्मू में भूख हड़ताल के छह दिन बीत जाने के बाद भी उपराज्यपाल प्रशासन की ओर से उनकी मांगों को लेकर गंभीरता से नही दिखाई गई है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। मनरेगा योजना का बकाया एक हजार करोड़ रुपये जारी न होने और सांसदों द्वारा ग्रामीणों के बुनियादी मुद्दे संसद में नहीं उठाए जाने से खफा ग्रामीणों समेत पंच और सरपंचों की भूख हड़ताल जारी है। छठे दिन एक अनशनकारी की तबीयत बिगड़ गई, इसके बावजूद उनके इरादे नहीं डिगे हैं।
पंचायत कांफ्रेंस की मांगों को पूरी करने और भूख हड़ताल समाप्त करने के लिए प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है। अलबत्ता, भूख हड़ताल पर बैठे अनिल शर्मा की तबीयत बिगड़ गई है। पंचायत कांफ्रेंस मनरेगा योजना के एक हजार करोड़ का बकाया जारी करने जैसे अन्य कई मुद्दों को आंदोलित हैं। जम्मू के डोगरा चौक पर भूख हड़ताल पर बैठे पंच-सरपंचों ने प्रशासन के रवैये पर भी सवाल उठाए।
भूख हड़ताल का नेतृत्व कर रहे पंचायत कांफ्रेंस के प्रधान अनिल शर्मा की कमजोरी के कारण तबीयत खराब हो गई है। डॉक्टरों की जांच के दौरान उनका रक्तचाप सामान्य से कम पाया गया। उनके साथ ठंड में भूख हड़ताल पर बैठे कुछ अन्य पंचा-सरपंचों की तबीयत भी बिगड़ रही है। पंच, सरपंचों का आरोप था कि ग्रामीणों के मसलों को हल करने की दिशा में गंभीरता न दिखाकर प्रशासन जन विरोधी होने का सबूत दे रहा है।
अनिल शर्मा ने बताया कि प्रशासन ग्रामीणों के मसलों को लेकर अड़ियल रवैया अपना रहा है। जम्मू में भूख हड़ताल के छह दिन बीत जाने के बाद भी उपराज्यपाल प्रशासन की ओर से उनकी मांगों को लेकर गंभीरता से नही दिखाई गई है। ग्रामीण विभाग व प्रशासन गरीब श्रमिकों की बकाया राशि जारी करने की दिशा में कुछ नहीं कर रहा है। ऐसे में भूख हड़ताल जारी रखने के अलावा कोई विकल्प नही है। पंचायत कांफ्रेंस ने जम्मू में ग्रामीणों के मुद्दों को लेकर अपनी 168 घंटों की भूख हड़ताल तीन दिसंबर को शुरू की थी। 10 दिसंबर तक जारी रहने वाली भूख हड़ताल को जम्मू के साथ कश्मीर संभाग के कई पंच-सरपंच समर्थन दे रहे हैं।