Move to Jagran APP

Ladakh के चांगथाग इलाके में घुस आए Chinese वाहन को स्थानीय नागरिकों ने खदेड़ दिया, वाहन में सादे वर्दी में Chinese Army भी थे

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले के न्योमा ब्लाक में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे चांगथाम इलाकों में घुस आए चीन के दो वाहनों को स्थानीय लोगों ने खदेड़ दिया।चांगथांग में घुस आए इन दो वाहनों में सवार नागरिकों को लोगों ने पहले रोक लिया।

By VikasEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 06:41 AM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 06:41 AM (IST)
Ladakh के चांगथाग इलाके में घुस आए Chinese वाहन को स्थानीय नागरिकों ने खदेड़ दिया, वाहन में सादे वर्दी में Chinese Army भी थे
वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे चांगथाम इलाकों में घुस आए चीन के दो वाहनों को स्थानीय लोगों ने खदेड़ दिया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले के न्योमा ब्लाक में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे चांगथाम इलाकों में घुस आए चीन के दो वाहनों को स्थानीय लोगों ने खदेड़ दिया।चांगथांग में घुस आए इन दो वाहनों में सवार नागरिकों को लोगों ने पहले रोक लिया। इस दौरान बहसबाजी भी हुई। लोगों के इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस के जवानों को बुला लिया। आखिरकार दोनो वाहनों में सवार चीन के नागरिक अपने इलाके में लौटने में ही भलाई समझे। लोगाें के अनुसार वाहनों में नागरिक के साथ सादी कपड़ों में चीन सेना के जवान भी थे।यह ड्रैगन की कुटिल चाल थी। लेकिन सेना के हर कदम पर नागरिकों का भी साथ है।उनके मंसूबे कामयाब नहीं होने दिए जाएंगे। हाल ही के इस घटना की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की गई है।

loksabha election banner

सूत्रों के अनुसार चीन के नागरिकों ने लेह के गड़रियों को धमका कर उन्हें इलाके में मवेशी न चराने की हिदायत दी। इस पर स्थानी निवासी ने एतराज जताया व बहस शुरू हो गई। चांगथाम के लोगों के साथ क्षेत्र के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट भी थे। चीन के नागरिक, चांगथांग के भारतीय इलाके को अपना बताकर दवाब बना रहे थे कि गड़रिए उस इलाके से दूर रहें। दोनों के बीच बहसबाजी का वीडियो सोशल साइटों पर वायरल हो गया। उसके बाद इस घटना की जानकारी फैलने लगी।स्थानीय लोगों का मानना है कि किसी बहाने चीनी सैनिक इस ओर की रैकी करने आए थे।

न्योमा के काउंसिलर इशे स्पालजांग का कहना है कि यह मामला कुछ दिन पहले का है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों के दौरान लेह के गड़रिए इस इलाके में नहीं जा रहे थे। इस बार उन्होंने वहां पर मवेशियों को चराने के लिए टैंट लगाए हैं। इस पर चीन के निवासियों द्वारा उन्हें धमकाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। धमकाने के बाद गड़रिए पीछे आ गए व उन्होंने हालात के बारे में प्रशासन व स्थानीय निवासियों को जानकारी दी।हालांकि प्रशासन की ओर से अभी इस पर कोई बयान नहीं आया है।

कुछ लोगों को कहना था कि चीनी वाहनों के लोगों के साथ उनकी सेना के कुछ लोग भी थे जिन्होंने वर्दी नहीं पहनी थी।इशे का कहना है कि तीन साल पहले इस इलाके में गढ़रियों के मवेशी किए अज्ञात बीमारी के कारण मर गए थे।मवेशी कैसे मरे थे, इसका अभी तक कुछ पता नहीं चला है। उसमें भी चीन की चाल से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके बाद उन्होंने उक्त इलाके में जाना बंद कर दिया था। अब फिर वहां जाने पर चीन के निवासियों की ओर से आपत्ति जताई जा रही है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.