पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले की अर्जी खारिज
हाईकोर्ट ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए कथित रूप से काम करने वाले सांबा के तरोर निवासी पंकज शर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
जेएनएफ, जम्मू: हाईकोर्ट ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए कथित रूप से काम करने वाले सांबा के तरोर निवासी पंकज शर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। पुलिस ने मामले की जांच जारी होने की बात कहते हुए जमानत अर्जी खारिज करने की मांग की थी।
नरवाल पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट में कहा गया है कि पुलिस को चार मार्च 2020 को सूचना मिली कि आरोपित ने संवेदनशील सैन्य ठिकानों की फोटो फेसबुक मैसेंजर से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ को भेजी। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया और आरोपित को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान पंकज शर्मा ने बताया कि उसके पड़ोस में रहने वाले सैनिक ने खुद को सेना में कैप्टन बताने वाली महिला ज्योति शर्मा से फेसबुक पर उसकी दोस्ती कराई। ज्योति शर्मा ने बताया कि वह सूडान में शांति मिशन पर है। दोनों में फेसबुक पर बातें होती रही। फिर वह एक-दूसरे को पसंद करने लगे। ज्योति ने उसे फेसबुक पर खुद को मेजर बताने वाले अमित शर्मा से मिलवाया और उनमें अच्छी दोस्ती हो गई। अमित शर्मा के कहने पर उसने संवेदनशील क्षेत्रों की फोटो फेसबुक से उन्हें भेजना शुरू की। इसके एवज में उसे छह हजार रुपये मिले।
पंकज ने बताया कि उसने सांबा शहर, बड़ी ब्राह्मणा, उज्ज पुल, विजयपुर बाजार, जम्मू रेलवे स्टेशन, घगवाल पुल, परगवाल नाले, बालाकोट हमले के बाद सेना की मूवमेंट तथा एम्स जैसे महत्वपूर्ण स्थानों की फोटो फेसबुक मैसेंजर से भेजी। पुलिस ने जांच के दौरान पंकज के ठिकाने से मोबाइल फोन, सिमकार्ड व लैपटॉप बरामद किया। जांच के दौरान पता चला कि आरोपित के एसबीआइ के खाते में दुबई से 1,23,000 रुपये ट्रांसफर हुए।
जांच के दौरान यह भी सामने हुआ कि ज्योति शर्मा व अमित शर्मा की फेसबुक आइडी फर्जी थी। जांच में साबित हुआ कि आरोपित ने पैसे के लालच में जम्मू के संवेदनशील क्षेत्रों व सेना की मूवमेंट की फोटो खींच कर भेजी। जांच में पता चला कि आरोपित के दुबई व अबूधाबी में आइएसआइ एजेंटों के साथ संपर्क हैं और वह लगातार उनके लिए काम कर रहा था। पुलिस ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि अगर आरोपित को जमानत पर रिहा किया तो वह फरार हो जाएगा।