Pulwama Terror Attack: सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में आरडीएक्स व अमोनियम नाइट्रेट का हुआ था प्रयोग
एनआइए के अधिकारियों के मुताबिक जैश के आतंकियों ने धमाके के असर को बढ़ाने के लिए ही आरडीएक्स को अमोनियम नाइट्रेड के साथ मिलाया होगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आत्मघाती हमले में जैश-ए-मोहम्मद ने आरडीएक्स के साथ अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया था।
दिल्ली स्थित सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के अधिकारियों ने बताया कि सीबीआइ के अधीन काम करने वाली सीएफएसएल के विशेषज्ञों ने करीब साढ़े चार माह में अपनी जांच पूरी करते हुए रिपोर्ट सौंप दी है। उन्होंने बताया कि आतंकी द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन में आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट को आपस में मिलाकर तैयार किया गया खतरनाक विस्फोटक जैरीकैन में फिट किया गया था। इसके बाद यह जैरीकैन हमले में इस्तेमाल मारुति इको कार में लगाया गया। इस मामले में सीएफएसएल की रिपोर्ट बहुत अहम है। यह पुलवामा कांड के गुनहगारों के खिलाफ आरोपपत्र में बहुत काम आएगी।
अदालत में आरोपपत्र जल्द किया जाएगा दायर
हम जल्द ही अदालत में इस मामले को लेकर आरोपपत्र दायर करेंगे। एनआइए के अधिकारियों के मुताबिक, जैश के आतंकियों ने धमाके के असर को बढ़ाने के लिए ही आरडीएक्स को अमोनियम नाइट्रेड के साथ मिलाया होगा। यह धमाका इतना जबरदस्त था कि कई किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई दी। धमाके की तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विस्फोट में शामिल कार पूरी तरह पिघल गई थी। यही नहीं, जिस बस को टक्कर मारी गई थी, वह भी पिघल गई थी। सीएफएसएल के विशेषज्ञों को घटनास्थल से जांच के लिए डीएनए के नमूने जमा करने में ही कई दिन लग गए।
विस्फोट में मिलिट्री ग्रेड का आरडीएक्स हुआ इस्तेमाल
सुरक्षा एजेंसियां पहले दिन से ही कह रही थी कि विस्फोट में मिलिट्री ग्रेड का आरडीएक्स इस्तेमाल हुआ है, जिसे पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों को उपलब्ध कराया है। यह विस्फोटक विभिन्न रास्तों से कश्मीर में पहुंचाया गया था। एनआइए के अधिकारियों ने कहा कि इसकी आवाज और उसमें हुए नुकसान के आधार पर ही विस्फोटक की मात्र का अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन एक जैरीकैन में 45-50 किलो तक ही विस्फोटक को भरा जा सकता है।
हमलावर आतंकी आदिल मौके पर ही मारा गया था
उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले की साजिश को अंजाम देने वाला आतंकी आदिल मौके पर ही मारा गया था। उसके शरीर का कोई हिस्सा नहीं मिला। इस हमले की साजिश में लिप्त जैश के लगभग एक दर्जन ओवरग्राउंड वर्कर पकड़े जा चुके हैं। हमले की साजिश में शामिल मुदस्सर, खालिद और सज्जाद बट समेत चार आतंकी भी मारे गए हैं। इस मामले में एनआइए ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है। पकड़े गए लोगों के खिलाफ आरोपपत्र भी अंतिम चरण में है। सीएफएसएल की रिपोर्ट ही शेष थी, जो अब मिल गई है। इसलिए चंद दिनों में अदालत में आरोपपत्र भी दायर कर दिया जाएगा।
हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी हुए थे शहीद
14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित लितपोरा पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश के एक आत्मघाती ने विस्फोटकों से भरी कार से हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए थे। काफिले पर हमला करने वाला आतंकी भी इस धमाके में मारा गया था।