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Jammu Kashmir: जम्मू एयरपोर्ट से आतंकवादी शेर अली गिरफ्तार, कुवैत की सरकार ने निर्वासित कर भारत सरकार को सौंपा

जम्मू संभाग के पहाड़ी जिले पुंछ में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे कुवैत बैठे आतंकवादी शेर अली को वहां की सरकार ने निर्वासित (डिपोर्ट) कर भारत सरकार को सौंप दिया। जैसे ही आतंकवादी जम्मू एयरपोर्ट पर उतरा तो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 09:22 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 09:30 PM (IST)
Jammu Kashmir: जम्मू एयरपोर्ट से आतंकवादी शेर अली गिरफ्तार, कुवैत की सरकार ने निर्वासित कर भारत सरकार को सौंपा
कुवैत बैठे आतंकवादी शेर अली को वहां की सरकार ने निर्वासित (डिपोर्ट) कर भारत सरकार को सौंप दिया।

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू संभाग के पहाड़ी जिले पुंछ में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे कुवैत बैठे आतंकवादी शेर अली को वहां की सरकार ने निर्वासित (डिपोर्ट) कर भारत सरकार को सौंप दिया। जैसे ही आतंकवादी जम्मू एयरपोर्ट पर उतरा तो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आतंकवादी जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स से संबंधित है और यह कुवैत से ही जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ और हमलों की याेजना बनाकर यहां आतंकवादियों को भेजा करता था। आतंकी शेर अली सीमापार पाकिस्तान से मादक पदार्थों व हथियारों की तस्करी करवाने में भी वांछित था। कुवैत से भारत के अच्छे संबंधों के चलते वहां की सरकार ने उसे भारत सरकार को सौंप दिया।

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जम्मू संभाग के आइजीपी मुकेश सिंह के अनुसार, आतंकवादी शेर अली पर गुलाम कश्मीर के बालाकोट क्षेत्र से प्रशिक्षित आतंकवादियों व हथियारों को भारतीय क्षेत्र में पहुंचाने की जिम्मेदारी थी। जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स के आतंकी के खिलाफ पिछले वर्ष मेंढर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी।  

शेर अली पर आरोप है कि उसने गुलाम कश्मीर के बालाकोट सेक्टर के डाबी इलाके से 24 व 25 नवंबर 2020 की मध्यरात्रि दो आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करवाई थी। शेर अली उस समय कुवैत से बालाकोट में आतंकवादियों के हैंडलर सुल्तान से लगातार संपर्क में था। घुसपैठ कर आए पाक प्रशिक्षित दोनों आतंकवादी बीतें नवंबर माह में मेंढर इलाके में काफी सक्रिय थे। इन आतंकवादियों के पास थोराया सेटेलाइट फोन थे जिसके एक बार एक्टीवेट होने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस व सेना सक्रिय हो गई कि भारतीय क्षेत्र में कुछ आतंकवादी सक्रिय है। सेटेलाइट फोन बंद होने के बाद भी इनकी तलाश जारी रही। जेके गजनवी फोर्स के इन आतंकवादियों ने एक स्थानीय व्यक्ति को अगवा भी कर लिया और ये पुंछ जिले के सुरनकोट व पौछाना इलाके में सक्रिय हो गए। यह मुगल रोड के साथ लगता इलाका है।

इन हथियारबंद आतंकियों ने तीन दिसंबर को स्थानीय व्यक्ति को रिहा कर दिया और खुद ये आतंकी मुगल रोड इलाके के पौछाना में सक्रिय हो गए। तभी इन इलाकों में भारी बर्फबारी हुई और इन आतंकियों ने गुज्जरों की खाली पड़ी ढोक में शरण ले ली। इसी बीच रिहा किए गए स्थानीय व्यक्ति की सूचना के आधार पर सुरक्षाबल भी इन आतंकियों की सरगर्मी से तलाश कर रहे थे। ये दोनों आतंकी पाकिस्तान भागना चाहते थे। इससे पहले कि वे सुरक्षाबलों को चकमा देते, 11 दिसंबर 2020 को सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर ली और 13 दिसंबर को भीषण मुठभेड़ में इन दोनों आतंकवादियों को मार गिराया।


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