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Drone Attack In Jammu: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने बनाई थी जम्मू में ड्रोन हमले की योजना

Drone Attack In Jammu आइईडी पूरी तरह से विस्फोट करने के लिए तैयार थी। केवल उसके साथ तार ही जोड़ी जानी थी। प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि यह ड्रोन एक हेक्साकॉप्टर है जिसके छह पंख है। इसमें फ्लाइट कंट्रोलर है। उसमें जीपीएस लगा हुआ है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 12:51 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 12:51 PM (IST)
Drone Attack In Jammu: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने बनाई थी जम्मू में ड्रोन हमले की योजना
कठुआ में जिस ड्रोन को गिराया गया था वह हथियार लेकर 12 से 13 किलोमीटर तक उड़ा था।

जम्मू, जागरण संवाददाता। जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तानी सेना की एक बार फिर एयरफोर्स स्टेशन हमले की तरह ही कानाचक्क में ड्रोन हमले की साजिश रची थी, जिसे जम्मू पुलिस ने नाकाम कर दिया। पुलिस ने न सिर्फ पाकिस्तान से आए एक ड्रोन को मार गिराया बल्कि उसमें बंधी पांच किलो आइईडी को भी बरामद किया।

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इस बात की जानकारी जम्मू जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि जम्मू पुलिस को बीते वीरवार रात को सूचना मिली की आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अखनूर सेक्टर में ड्रोन से हथियार गिराए जाने है। इस सूचना पर पुलिस ने वहां एंबुश लगाया। रात एक बजे के करीब कानाचक्क में पुलिस ने ड्रोन को देखा और उस पर फायरिंग कर गिरा दिया। ड्रोन के साथ एक पेलोड था। पेलोड में पांच किलो की आईईडी को बड़े से तरीके से बांधा गया था।

आइईडी पूरी तरह से विस्फोट करने के लिए तैयार थी। केवल उसके साथ तार ही जोड़ी जानी थी। प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि यह ड्रोन एक हेक्साकॉप्टर है, जिसके छह पंख है। इसमें फ्लाइट कंट्रोलर है। उसमें जीपीएस लगा हुआ है। ड्रोन के फ्लाइट कंट्रोलर पर जो सीरियल नंबर है लिखा है वह बीते वर्ष कठुआ में हथियार लेकर आए ड्रोन से मिलता है। दोनों के सीरियल नंबर में मात्र एक ही अंक का अंतर है। इसका मतलब है कि यह ड्रोन एक ही तनजीम के है। जांच में यह भी पता चला है कि यह ड्रोन असेंबल है जिसमें कुछ पार्ट चाइना हैं कुछ ताइवान और हांगकांग के हैं।

दिलचस्प बात यह है कि ड्रोन से जो पेलोड गिराया जाना था उसे एक धागे के जरिए बांधा गया था। इस प्रकार के धांगे का प्रयोग एयरफोर्स स्टेशन पर हुए धमके में किया गया है। इसी से यह साफ होता है कि एयरफोर्स स्टेशन पर भी ड्रोन से हमला किया गया था। जिस ड्रोन को पुलिस ने गिराया है वह 20 किलोमीटर तक चलता है। लेकिन जब उससे पेलोड होता है तो 10 किलोमीटर तक ही चल पाता है। कठुआ में जिस ड्रोन को गिराया गया था वह हथियार लेकर 12 से 13 किलोमीटर तक उड़ा था।

पाकिस्तान ने डेढ़ साल में ड्रोन से 30 बार गिराया सामान: डेढ़ साल में ड्रोन से 25 से 30 बार गिराए गए सामान को बरामद किया है। जब्त में 16 एके-47, तीन यूएफओ, 34 पिस्तौल, 15 ग्रेनेड और 18 आईईडी तीन में तीन बड़े और 15 छोटे शामिल है। इसके अलावा चार लाख रुपये बरामद किए गए है। कानाचक्क सेक्टर में गिराए गए ड्रोन से जम्मू में हाेने वाला एक बड़ा हादसा टला है। यदि ड्रोन को गिराया नहीं जाता को इस आईइडी को फेंकने के अलावा कई बार और इस ड्रोन का प्रयोग हथियारों को ले जाने में किया जाता। एडीजी ने बताया कि ड्रोन से आईईडी को सीमा के पास गिराया जाता था। यहां से किसी व्यक्ति ने उसे लेने के लिए आना था। पुलिस ने ड्रोन को बरामद करने के बाद उस व्यक्ति के आने का इंतजार किया, लेकिन शायद उसे ड्रोन को गिराए जाने की सूचना मिल गई होगी।

जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा निरंतर कर रहा प्रयास: पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा हथियार जम्मू-कश्मीर में भेज रहे है। ड्रोन हमले के खतरे को देखते हुए एयरपोर्ट और कई अन्य संवेदनशील इमारतों में एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए गए है। उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती है। स्वतंत्रता दिवस को लेकर रणनीति बना ली गई है। किन लोगों को सुरक्षा देनी है और किस प्रकार से जवानों की तैनाती करनी है इसका खाका तैयार कर लिया गया है।  


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