Move to Jagran APP

Target Killing in Kashmir: आतंकियों ने कश्मीर में कश्मीरी पंडित दुकानदार के सेल्समैन को गोली मारी

मारे गए नागरिक की पहचान मोहम्मद इब्राहिम खान पुत्र गुलाम मोहम्मद खान के रुप में हुई है। वह उत्तरी कश्मीर में जिला बांडीपोर के अस्टेंगू का रहने वाला था। कुछ सालों से श्रीनगर के जैनाकदल स्थित कश्मीरी पंडित डा संदीप मावा के शोरुम में बतौर सेल्समैन काम कर रहा था।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 08:57 PM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 07:23 AM (IST)
Target Killing in Kashmir: आतंकियों ने कश्मीर में कश्मीरी पंडित दुकानदार के सेल्समैन को गोली मारी
इस घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी घटनास्थल से फरार हो गए।

श्रीनगर, जेएनएन। आतंकियों ने श्रीनगर शहर के डाउन टाउन इलाके में स्थित कश्मीरी पंडित दुकानदार के सेल्समैन को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी है। इस घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी घटनास्थल से फरार हो गए। सुरक्षाबलों ने उनकी तलाशी के लिए अभियान छेड़ दिया है। 

loksabha election banner

मारे गए सेल्समैन की पहचान मोहम्मद इब्राहिम खान के रूप में हुई है।आतंकियों ने उसे काफी करीब से गोली मारी। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया।एसएमएचएस अस्पताल श्रीनगर के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डा कंवलजीत सिंह के अनुसार, इब्राहिम की मौत हो चुकी है। गोलियां उसके छाती के बायें हिस्से और पेट में लगी थी। 

इस हत्या के पीछे आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट का हाथ बताया जा रहा है। बीते इतवार की रात को आतंकियों ने बटमालू में घर के बाहर खड़े एक पुलिसकर्मी तौसीफ को गोली मार शहीद कर दिया था।आज मारे गए नागरिक की पहचान मोहम्मद इब्राहिम खान पुत्र गुलाम मोहम्मद खान के रुप में हुई है। वह उत्तरी कश्मीर में जिला बांडीपोर के अस्टेंगू का रहने वाला था। वह बीते कुछ सालों से श्रीनगर के जैनाकदल इलाके में स्थित कश्मीरी पंडित डा संदीप मावा के एक शोरुम में बतौर सेल्समैन काम कर रहा था।

डा संदीप मावा ने जम्मू कश्मीर रिकांसिलेशन फ्रंट भी बना रखा है। आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कालेज से एमबीबीएस करने वाले डा संदीप मावा बीते कुछ सालों से कश्मीर में कश्मीरी पंडित और कश्मीरी मुस्लिम समुदाय के बीच संवाद-संपर्क-समन्वय बढ़ाने और दोनों समुदायों के बीच आपसी विश्वास की भावना को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस सिलसिले में अक्सर वह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं।

डा मावा का परिवार कश्मीरी पंडितों के उन चंद परिवारों में एक है,जिन्होंने आतंकियों की धमकियों की बावजूद कश्मीर से अपना नाता नहीं तोड़ा। उनका कारोबार जम्मू और दिल्ली में भी है। उनके पिता रोशन लाल मावा पर अक्टूबर 1990 में आतंकियों ने हमला किया था। रोशन लाल मावा को चार गोलियां लगी थी और उसके बावजूद वह बच गए थे। दो साल पहले उन्होंने गडा कूचा जैनाकदल में स्थित अपनी पुश्तैनी दुकानों का रंग रुप बदल कर एक शोरुम तैयार किया था।

आतंकियों को पकड़ने के लिए डाउन-टाउन के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षाबलों ने घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया है। श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों में आने जाने के सभी रास्तों की नाकेबंदी कर दी गई है और वहां तैनात सुरक्षाकर्मी हर आने जाने वाले वाहन और नागरिक की जांच कर रहे हैं।हालांकि पुलिस ने हत्या के कारणों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन संबधित सूत्रों की मानें तो यह हत्या वादी में गैर मुस्लिमों और गैर कश्मीरी नागरिकों को कश्मीर से भगाने की साजिश के तहत ही आतंकियों ने की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.