Move to Jagran APP

Terrorism in Kashmir: कश्‍मीर में डिजिटल आतंक फैला रहा है पाकिस्‍तान, जानें-पूरी साजिश

कश्मीर में सक्रिय कुछ अलगाववादी तत्वों को पैसों का लालच देकर 200 से 300 वाट्सएप ग्रुप तैयार किए गए हैं। पाकिस्तान से संचालित 10 से 15 हजार फर्जी फेसबुक व ट्वीटर अकाउंट भी चल रहे हैं। इनपर धर्म और कश्मीर के नाम पर भड़काऊ कंटेंट परोसा जा रहा है।

By lokesh.mishraEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 06:02 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 11:10 AM (IST)
Terrorism in Kashmir: कश्‍मीर में डिजिटल आतंक फैला रहा है पाकिस्‍तान, जानें-पूरी साजिश
कश्‍मीरी युवाओं को उकसाने के लिए पाकिस्तान ने कश्मीर में डिजिटली आतंक फैलाने का गंदा खेल शुरू किया है।

राहुल शर्मा, जम्मू : अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में आए बड़े बदलाव और विशेषकर स्थानीय युवाओं का मुख्यधारा से जुड़ाव पाकिस्तान, उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और आतंकी संगठनों को रास नहीं आ रहा। कश्मीर के युवाओं को बरगलाने, पत्थरबाजी और मुठभेड़ स्थलों पर आकर हिंसा करने को उकसाने के लिए पाकिस्तान ने कश्मीर में डिजिटली आतंक फैलाने का गंदा खेल शुरू किया है।

loksabha election banner

कश्मीर में सक्रिय कुछ अलगाववादी तत्वों को पैसों का लालच देकर 200 से 300 वाट्सएप ग्रुप तैयार किए गए हैं। पाकिस्तान से संचालित 10 से 15 हजार फर्जी फेसबुक व  ट्वीटर अकाउंट भी चल रहे हैं। इनपर धर्म और कश्मीर के नाम पर भड़काऊ कंटेंट परोसा जा रहा है। देश-दुनिया के वीडियो को कश्मीर का बताकर भारतीय सेना की छवि धूमिल करने की साजिश रचते हुए युवाओं को उकसाया जा रहा है। वहीं, भारतीय साइबर सेल पाकिस्तान की इस साजिश का पर्दाफाश करने में जुटा है।

आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, अलबदर, जैश-ए-मोहम्मद, अंसार गजवत-उल-हिंद अपने मददगारों की मदद से कश्मीर में प्रोपगेंडा चलाए हुए हैं। इसके साथ ही गुलाम कश्मीर में बैठे आतंकी संगठन के हैंडलर नियमित तौर पर ऐसा फर्जी कंटेंट पैदा कर रहे हैं और उसे इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कश्मीरी युवाओं तक पहुंचाया जा रहा है। उनके मददगार इन ग्रुप के माध्यम से इसे आम युवाओं तक धकेलते हैं। कश्मीर में करीब 200 से 300 ऐसे वाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। इन सभी से एक ही कंटेंट को बार-बार साझा किया जाता है।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकियों की कमर टूट चुकी है। सुरक्षाबल दर्जनों युवाओं को मुख्यधारा में लाने में सफल रहे हैं। ऐसे में युवाओं को बरगलाने के लिए फर्जी अकाउंट बनाकर हिंसा की झूठी वीडियो साझा की जा रही हैं। पड़ताल करने पर सभी वीडियो व फोटो फर्जी व दूसरे देशों के पाए जाते हैं। सिंध व बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की हिंसा की तस्वीरों को भी कश्मीर से जोड़कर चलाया जा रहा है। कश्मीर मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों और घुसपैठ में नाकाम होने के कारण अब स्थानीय युवाओं को उकसाने की साजिशें रच रहा है।

गुलाम कश्मीर में दी गई विशेष ट्रेनिंग व फंडिंग भी: सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली है कि भारत के खिलाफ डिजिटल माध्‍यम से आतंकवाद को फैलाने के लिए कश्मीर के करीब 50 युवाओं को चुना गया है। उन्हेंं आतंकी संगठनों की आइटी विंग का हिस्सा बनाने के लिए गुलाम कश्मीर भेजकर इंटरनेट मीडिया से संबंधित विशेष ट्रेनिंग भी दी गई है। उन्हें फंडिंग भी नियंत्रण रेखा के पार से की जा रही है। अगर कोई व्यक्ति उनकी इस विचाराधारा का विरोध करता है तो उन्हेंं इसी सोशल मीडिया के माध्यम से धमकियां दी जाती हैं। कुछ धार्मिक संगठन भी युवाओं को बरगलाने में जुटे हैं और सुरक्षाबलों के हाथ कुछ पुख्ता सुबूत भी लगे हैं।

चलाया जा रहा भारत विरोधी एजेंडा : डिजिटल आतंक फैलाने की शुरुआत आतंकी बुरहान वानी ने की थी। हिजबुल ने बुरहान को हिजबुल का पोस्टर ब्वाय बनाकर पेश किया था। वह अकसर वीडियो जारी कर युवाओं को सुरक्षाबलों के खिलाफ भड़काता था। बुरहान के मारे जाने के बाद आतंकी संगठन इसे इस्तेमाल करते रहे पर अब इसे खौफनाक तरीके से संगठित तौर पर भारत विरोधी एजेंडे के रूप में चलाया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.