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रोशनी एक्ट में कब्जाई जमीन खाली कराएं तहसीलदार

राज्य ब्यूरो जम्मू प्रदेश सरकार रोशनी एक्ट के तहत जमीनों पर हुए कब्जे हटाने को लेकर सख्त हो गई है। सरकार ने तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि रोशनी एक्ट के तहत अलाट की गई भूमि को खाली करवाएं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 07:15 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:15 AM (IST)
रोशनी एक्ट में कब्जाई जमीन खाली कराएं तहसीलदार
रोशनी एक्ट में कब्जाई जमीन खाली कराएं तहसीलदार

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रदेश सरकार रोशनी एक्ट के तहत जमीनों पर हुए कब्जे हटाने को लेकर सख्त हो गई है। सरकार ने रोशनी एक्ट के तहत हुए सभी इंतकाल रद करने के बाद सभी तहसीलदारों को पहले कब्जाई गई भूमि के बड़े भाग को मुक्त करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद छोटे-छोटे भाग को खाली करवाने को कहा गया है। सरकार ने जम्मू व कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नरों को 30 नवंबर तक रोशनी एक्ट के तहत कब्जाई भूमि, उससे मिले राजस्व और भूमि लेने वाले पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों व अधिकारियों सहित सभी की विस्तृत रिपोर्ट राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को सौंपने को कहा है।

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राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. पवन कोतवाल ने सोमवार को कहा गया है कि सरकार द्वारा 31 अक्टूबर को रोशनी एक्ट पर हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करने के फैसले के बाद सभी इंतकाल रद कर दिए गए हैं। सभी तहसीलदारों को राजस्व रिकार्ड में प्रविष्टियां (इंट्री) सही करने के लिए कहा गया है। यह सभी कार्रवाई हाईकोर्ट के निर्देशों के छह महीनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए। उन्होंने डिवीजनल कमिश्नर जम्मू और कश्मीर से कहा है कि वह इस कार्रवाई की निगरानी करें। इसके लिए अपने कार्यालयों में एक सेल बनाएं। साथ ही कार्रवाई की रिपोर्ट तय समयसीमा में हाईकोर्ट, सीबीआइ और प्रशासनिक विभाग को भेजी जाए। उन्हें हर शनिवार को अलग से एक रिपोर्ट बनाकर प्रशासनिक विभाग को भेजनी होगी।

दो दिन पहले ही रोशनी एक्ट पर हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करने का फैसला हुआ है। साल 2001 में बने इस अधिनियम और इसके बाद बार-बार हुए संशोधनों में कई पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों, अधिकारियों व अन्य लोगों ने बाजार कीमत की तुलना में बहुत कम रुपये देकर जमीन पर कब्जा कर लिया था। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद सरकार अब इस भूमि पर हुए कब्जे को हटाने के लिए हरकत में आ गई है।


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