Jammu Kashmir: आयकर विभाग की जांच में करोड़ों की टैक्स चोरी, जौहरी का सालाना लाभांश दो से 10 करोड़ तक
कश्मीर में आयकर विभाग की जांच में करोड़ों की टैक्स चोरी का पता चला श्रीनगर में एक होटल श्रृंखला के मालिक और जौहरी के प्रतिष्ठानों की तलाशी
श्रीनगर , राज्य ब्यूरो। आयकर विभाग के मुताबिक श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम और लेह में होटल श्रृंखला के मालिक के ठिकानों की तलाशी लेते हुए बीते छह वित्तीय वर्षो के दौरान हुए 25 करोड़ रुपये के निवेश, लेन-देन और जमीन जायदाद की खरीद-फरोख्त से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं। होटल श्रृंखला के मालिक ने वर्ष 2014-15 से लेकर अब तक किसी भी वित्तीय वर्ष में कर नहीं चुकाया है। उसने जो भी निवेश या लेन-देन किया वह नकद किया है। उसके ठिकानों की तलाशी के दौरान बीते दो सालों के दौरान 25 करोड़ रुपये के लिए गए कर्ज से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। प्रथम दृष्टि में यह कर्ज सही नहीं है और जिन लोगों से इसे प्राप्त किया गया बताया जाता है, उनकी विश्वसनीयता भी संदिग्ध है।
आयकर विभाग की विभिन्न टीमों ने श्रीनगर में एक होटल श्रृंखला के मालिक के संस्थानों के अलावा एक जौहरी के प्रतिष्ठानों की तलाशी लेते हुए करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी और बेनामी लेन-देन व अघोषित आय का पता लगाया।जांच में पता चला कि होटल मालिक के बच्चे संयुक्त राज्य अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। उन पर सालाना 25 लाख रुपये का खर्च आता है। यह राशि कहां से खर्च की जा रही है, इसका भी कोई ब्योरा नहीं है। इसके अलावा वह अपनी मां के साथ मिलकर एक ट्रस्ट के नाम पर बीएड कॉलेज भी चला रहा है। यह ट्रस्ट पंजीकृत नहीं है और ट्रस्ट की कर योग्य आय को लेकर भी कभी रिटर्न जमा नहीं की गई है। होटल मालिक ने जांच के दौरान संबंधित अधिकारियों को बताया कि उसने अपने मकान की मरम्मत और साज सज्जा पर करीब 40 लाख रुपये खर्च किए हैं। आयकर विभाग ने होटल मालिक के अलावा कश्मीर के एक नामी जौहरी के प्रतिष्ठानों की भी तलाशी ली है।
आयकर विभाग के मुताबिक , जौहरी का सालाना लाभांश दो करोड़ से 10 करोड़ तक है। इसके बावजूद उसने अपने लेखा बहियां तैयार नहीं की हैं। उसने अपने कुछ बैंक खातों को भी छिपाकर रखा था, जिनमें करोड़ों रुपये जमा हैं। उसने श्रीनगर में वर्ष 2015-16 के दौरान 1.90 करोड़ की रुपये की परिसंपत्ति को बेचा, लेकिन इसमें कमाए गए मुनाफे पर उसने कोई कर नहीं चुकाया। उसकी पत्नी ने वर्ष 2019-20 के दौरान दिल्ली में 33 लाख रुपये में एक फ्लैट बेचा है। इस पर भी उसने कोई कर जमा नहीं किया। इसके अलावा 33 लाख रुपये में उसने 13 लाख रुपये नकद प्राप्त किए, जो आयकर अधिनियम 1961 के प्रावधानों के खिलाफ है। आयकर विभाग ने कहा कि इन दोनों और इनके साथ निवेश करने वालों के बारे में जांच जारी है।