Jammu: परिजनों की टूट रही तरसेम से मिलने की आस, देविका नदी की बाढ़ में बह गया था तरसेम
इतना समय बीत जाने के बाद परिजनों में तरसेम के सकुशल मिलने की एक छोटी सी उम्मीद की किरण भी बुझती जा रही है।
रामगढ़, संवाद सहयोगी। उत्तरवाहिनी देविका नदी की बाढ़ में बहकर लापता हुए तरसेम लाल को ढूंढने के लिए किए जा रहे प्रशासनिक स्तर हर प्रयास नाकाम होते नजर जा रहे हैं। वहीं परिजनों, रिश्तेदारों व गांव पंचायत के लोगों में भी उसके मिलने की आस टूटती जा रही है। बीते शनिवार की सुबह पहाड़ी क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बारिश से उत्तरवाहिनी देविका नदी में आई भीषण बाढ़ में गांव नगरोटा के दो सगे भाई बह गए थे।
बाढ़ की चपेट में आए दोनों भाइयों में से छोटे भाई प्रवीण कुमार ने किसी तरह खुद को बहने से बचा लिया परंतु पचास वर्षीय बड़े भाई तरसेम लाल की किस्सत शायद इतनी अच्छी नहीं थी। वह बाढ़ के तेज बहाव में बहता हुआ आगे निकल गया। तरसेम को लापता हुए अब तीन दिन हो गए हैं। हालांकि प्रशान ने उसकी तलाश के लिए बसंतर तथा देविका नदी में कई अभियान चला रही है। सर्च टीमों ने चप्पे-चप्पे को बारीकी से खंगाला है। सोमवार के दिन पुलिस प्रशासन ने खोजी कुत्तों व स्थानीय युवाआें ने फिर से देविका नदी में अपने सर्च अभियान चलाए। लेकिन कहीं पर भी लापता व्यक्ति का सुराग नहीं मिल पाया।
उधर पीड़ित पारिवारिक सदस्य व परिजन इस उम्मीद के साथ दिन बिता रहे हैं कि लापता तरसेम किसी तरह से मिले। वह जहां भी है स्वस्थ है। अगर कहीं तरसेम के साथ कोई अनहोनी भी हुई है तो कम से कम परिजन को उसका पता चले ताकि वह उसका पूरी विधि के साथ दाहसंस्कार कर सकें। इतना समय बीत जाने के बाद परिजनों में तरसेम के सकुशल मिलने की एक छोटी सी उम्मीद की किरण भी बुझती जा रही है।
पत्नी शारदा देवी, बेटा शम्मी, बेटी सोनिया व अन्य परिजनों को भी उसके अंतिम दर्शन होने की उम्मीद नहीं लग रही। वहीं पुलिस प्रशासन व गांव पंचायतों के लोग लगातार उसकी तलाश कर रहे हैं। एसएसपी सांबा शक्ति पाठक के अनुसार लापता व्यक्ति की तलाश में पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सर्च अभियानों में शामिल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ, पुलिस व आम लोगों ने मिलकर हादसा स्थल से लेकर जीरो लाइन तक क्षेत्र को बारीकी से खंगाल लिया है। कुछ सिल्ट जमी जगहों की जेसीबी की मदद से खुदाई भी की गई, मगर कुछ हाथ नहीं लगा। उनका कहना है कि अभी तक उसकी तलाश बंद नहीं हुई है।