स्वर्णिम विजय मशाल ने लद्दाख से हिमाचल प्रदेश में किया प्रवेश, अटल टनल रोहतांग में हुआ भव्य स्वागत
अटल टनल रोहतांग के उत्तरी छोर पर विजय मशाल का स्वागत करने के लिए आयाेजित किए गए कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के सबसे वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल भुपिंदर सिंह समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी व सेवानिवृत्त अधिकारी भी मौजूद थे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से हिमाचल प्रदेश में दाखिल हुई की सेना की स्वर्णिम विजय मशाल उत्तरी कमान के इलाके से सेना की पश्चिमी कमान के इलाके में पहुंच गई है। विजय मशाल के अटल टनल से राेहतांग में पहुंचने पर सेना की राइजिंग स्टार कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल पीएन अनंथानारायणन ने इसका स्वागत किया।
अटल टनल रोहतांग के उत्तरी छोर पर विजय मशाल का स्वागत करने के लिए आयाेजित किए गए कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के सबसे वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल भुपिंदर सिंह, समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी व सेवानिवृत्त अधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान कोर कमांडर ने अटल टनल से पठानकोट तक 16 दिवसीय साइकिल अभियान का भी शुभारंभ किया।
इससे पहले राइजिंग स्टार कोर के जीओसी व सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों व सेवानिवृत्त अधिकारियों ने 50 साल पहले लड़े एतिहासिक युद्ध में देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इसके बाद विजय मशाल को रैली में पल्चन के ट्रांसिट कैंप ले जाया गया। ट्रांजिट कैंप में विजय मशाल के सम्मान में हुए कार्यक्रम में वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की डाक्यूमेंट्री प्रदर्शित करने के साथ कुल्लू, लाहौल, स्पीति इलाके के पारंपरिक लोक नृत्य भी पेश किए गए।
विजय मशाल एक महीने से भी अधिक समय लद्दाख के कारगिल व लेह जिलों में रही। अब विजय मशाल हिमाचल प्रदेश में होने वाले कार्यक्रमों में क्षेत्र के शहीदों को सलामी देगी।
हिमाचल प्रदेश के देश के लिए कुर्बान होने वाले सैनिकों की कोई कमी नही है। इन शहीदों में परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा भी शामिल हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में विजय मशाल के सम्मान में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर, धर्मशाला, योल, डलहौजी, बकलोह इलाकों में बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान शहीदों के परिवारों, पूर्व सैनिकों का सम्मान कर उनका हौंसला बढ़ाया जाएगा।