Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: नाटीपोरा हमले के दोषी लश्कर आतंकी बोले- पहले हथियार थमाकर आतंकवादी बनाते हैं फिर मरने के लिए छोड़ देते हैं

आत्मसमर्पण करने वाले लश्कर के इन दोनों आतंकवादियों ने माना कि गत 14 दिसंबर को नाटीपोरा इलाके में रहने वाले पीडीपी नेता परवेज अहमद के घर उन्होंने हमला किया था। इस हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के पीएसओ मंजूर अहमद शहीद हो गए थे।

By VikasEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 05:21 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 08:28 PM (IST)
Jammu Kashmir: नाटीपोरा हमले के दोषी लश्कर आतंकी बोले- पहले हथियार थमाकर आतंकवादी बनाते हैं फिर मरने के लिए छोड़ देते हैं
कुलगाम के तोंगडोनू इलाके में मंगलवार सुबह आत्मसमर्पण करने वाले लश्कर के दोनों आतंकवादियों ने सेना का आभार जताया।

जम्मू, विकास अबरोल। सीमा पार पाकिस्तान की शह पर धरती के स्वर्ग कहलाये जाने वाले कश्मीर में आतंकवादी की ज्वाला भड़काने वाले आतंकवादी भी अब समझ चुके हैं कि आतंकवाद की राह पर चलना बर्बादी के अलावा कुछ भी नहीं है। आतंकवादी कमांडर पहले कश्मीरी युवाओं को भारत के विरुद्ध बहकाकर आतंकवादी बनाते हैं और फिर उन्हें मरने के लिए छोड़ देते हैं। दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम के तोंगडोनू इलाके में मंगलवार सुबह नाटीपोरा हमले के दोषी लश्कर ए तैयबा के दोनों आतंकवादियों ने संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद सेना और पुलिस का आभार जताया।

loksabha election banner

आत्मसमर्पण करने वाले लश्कर के इन दोनों आतंकवादियों ने माना कि गत 14 दिसंबर को नाटीपोरा इलाके में रहने वाले पीडीपी नेता परवेज अहमद के घर उन्होंने हमला किया था। इस हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस केकमांडर  पीएसओ मंजूर अहमद शहीद हो गए थे। मंगलवार सुबह आत्मसमर्पण करने के करीब चार घंटों के उपरांत इन आतंकवादियों ने आतंकवाद की राह पर चलने के लिए तौबा करते हुए वीडियाे के माध्यम से कश्मीर के भटके युवाओं को मुख्यधारा में लौट आने का संदेश दिया। इन्होंने कहा कि पाकिस्तान की शह पर कश्मीर के नौजवान आतंकवाद जैसे गलत रास्ते पर चल पड़े हैं जो सिर्फ और सिर्फ बर्बादी के अलावा कुछ भी नहीं है।इन्होंने बाकायदा से आतंकवादी कमांडरों खालिद और अब्बास का नाम लेते हुए कहा कि पाकिस्तान के इशारे पर आतंकवादी कमांडर कश्मीर के युवाओं को बहकाने में लगे हैं। ऐसे में जो युवक आतंकवादी बन चुके हैं उन्हें यह गेम समझ लेनी चाहिए क्योंकि कमांडर पहले उन्हें आतंकवादी बनने के लिए उकसाते हैं फिर उन्हें मरने के लिए छोड़ देते हैं। आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादियों ने सेना और पुलिस का आभार जताते हुए कहा कि आज सेना और अपने परिजनों की वजह से ही उन्हें आज दूसरी जिंदगी जीने का मौका मिला है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.