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Jammu Kashmir: विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए पार करनी पड़ती है पहाड़ी-सी बाधा

उड़ी तहसील के विद्यार्थियों को मोबाइल नेटवर्क की तलाश में पहुंचते हैं पहाड़ पर ऑनलाइन पढ़ाई के लिए घने जंगल से घिरी चोटी को ही बना लिया क्लास रूम

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 09:56 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 09:56 AM (IST)
Jammu Kashmir: विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए पार करनी पड़ती है पहाड़ी-सी बाधा
Jammu Kashmir: विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए पार करनी पड़ती है पहाड़ी-सी बाधा

श्रीनगर, रजिया नूर। लगन हो तो पहाड़ जैसी बाधाएं भी ढह जाती हैं। ऐसा ही संदेश बारामुला जिले में उड़ी तहसील के लछीपोरा इलाके के विद्यार्थी दे रहे हैं। नियंत्रण रेखा से सटे इस इलाके के ये विद्यार्थी हर रोज मोबाइल नेटवर्क की तलाश में दो किलोमीटर की चढ़ाई कर एक पहाड़ी की चोटी पर पहुंचते हैं ताकि ऑनलाइन पढ़ाई से ज्ञान हासिल कर सकें।

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दरअसल, श्रीनगर-मुजफ्फराबाद रोड पर उड़ी तहसील के दछवर व जाला गांवों के बीच 3200 की आबादी को कवर करने के लिए लछीपोरा इलाके में निजी दूरसंचार कंपनी का एकमात्र मोबाइल टावर है। सिग्नल ठीक से नहीं आते, जिससे घरों में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पाती। इसलिए दर्जभर ये विद्यार्थी डब नामक पहाड़ी की चोटी पर पहुंचते हैं। यह घने जंगल से घिरी चोटी है। यह दुर्गम पहाड़ी पक्षी अभयारण्य से सटी है। जंगली जानवरों के हमले का खतरा भी है। इसके बावजूद यह पहाड़ी आज विद्यार्थियों का क्लास रूम बन गई है। यहां पांचवीं कक्षा से लेकर पीएचडी करने वाले विद्यार्थी भी यहां घंटों पढ़ाई करते हैं। हर सुबह विद्यार्थियों को पहाड़ी चढ़ते देखा जा सकता है। शाम चार बजे के बाद वह एक-दूसरे का हाथ थामे पहाड़ी पर उतरते नजर आते हैं।

12वीं कक्षा के शफीक अहमद खटाना ने कहा कि डब पहाड़ी की चोटी तक पहुंचने के लिए हमें पौन घंटा लगता है। शाम चार बजे तक वहां आनलाइन पढ़ते हैं। हम अपने साथ खाने-पीने का सामान भी ले जाते हैं। पीएचडी स्कॉलर शाही सज्जाद ने कहा कि मोबाइल सिग्नल न होने के चलते अकसर हमारी ऑनलाइन क्लास छूट जाती थी। इस पहाड़ी ने हमें बाकी विद्यार्थियों के साथ जोड़ दिया है। शकूर अहमद ने कहा कि चौथी कक्षा में पढ़ने वाला उनका बेटा भी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए डब पहाड़ा पर जाता है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। अभी ऑनलाइन कक्षाओं से ही पढ़ाई हो रही है।


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