Jammu: पखड़ी गांव में खंडहर हो चुकी इमारत में बंट रहा है शिक्षा का ज्ञान
जिन कलास रूम में बच्चे पढ़ते हैं उनकी छतों से बारिश का पानी टपकता रहता है। कई बार कमरों की छतों से मलबा भी टूटकर फर्श पर गिरता है।
रामगढ़, संवाद सहयोगी। रामगढ़ के गांव पखड़ी में मासूम बच्चों को खंडहर हो चुकी इमारत में शिक्षा विभाग ज्ञान बांट रहा है। करीब चालीस वर्ष पुरानी प्राइमरी स्कूल पखड़ी की इमारत को असुरक्षित भी घोषित किया जा चुका है। न जाने शिक्षा विभाग किस हादसे का इंतजार कर रहा है। इस स्कूल में शिक्षा हासिल करके कई युवा सेना, पुलिस तथा पैरा मिलीटरी फोर्स के जवान बनकर देश सेवा का गौरव प्राप्त कर चुके हैं। कई युवाओं ने इसी प्राइमरी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल कर सिविल सेवा की परीक्षा पास की। इस समय वे बड़े पदों पर आसीन हैं। मौजूदा समय में भी गांव पखड़ी के करीब तीस मासूम बच्चे पढ़ रहे हैं जो हर समय खतरे के साए में रहते हैं। जिन कलास रूम में बच्चे पढ़ते हैं, उनकी छतों से बारिश का पानी टपकता रहता है। कई बार कमरों की छतों से मलबा भी टूटकर फर्श पर गिरता है।
क्या कहना है स्थानीय लोगों का
पखडी प्राइमरी स्कूल का वजूद दशकों पुराना है और जहां से प्रारंभिक शिक्षा का ज्ञान हासिल करके गांव पंचायत के युवा अपने मुकामों तक पहुंचे हैं। लेकिन सरकार व प्रशासन ने स्कूल के प्रति नाकारात्मक रवैया अपना कर मासूमों के भविष्य से खिलबाड़ करने का काम किया है।
- सुखदेव राज
जर्जर स्कूली इमारत का हर समय मासूम बच्चों के सिरों पर खतरे का संकट मंडराता रहता है। हर मौसम में यही आशंका रहती है कि पता नहीं कब इस जर्जर स्कूली इमारत धवस्त हो जाए और शिक्षा का ज्ञान हासिल करने वाले बच्चे खतरे में पड जाएं।
- दीप राज
बारिश के दिनों में स्कूल प्रबंधन द्वारा मासूमों को शिक्षा का ज्ञान देना खतरे का फरमान समझा जाता है। जो बच्चे बारिश के दिनों में स्कूल पहुंचते हैं, वह जलमग्न स्कूल परिसर तथा सैलाब छोडने वाले कमरों में बैठकर अपने अपने उज्जवल भविष्य की नीव रखते हैं।
-सुरिंद्र कुमार
आज के समय में सरकारी स्कूलों की अनदेखी सरकार व प्रशासन की लापरवाही का मुहंबोलता सबूत है। अगर सरकारी स्कूलों के मूलभूत ढांचे में सुधार लाने की चरणवद्ध योजनाएं अमल में लाई जाएं, तो इन्हीं वीरान पडते स्कूलों में बच्चों की संख्या सैकडों में पहुंच जाए।
- ध्यान सिंह
बच्चों की सुरक्षा की खातिर लोग निजि स्कूलों की तरफ अपना रूझान बढाते हैं। सरकारी स्कूलों की हालत यूं की तूं बनी रहती है और निजी स्कूल इसका लाभ लेकर गरीबों की जेबें काटते हैं। अगर निजि स्कूलों की तरह सरकारी स्कूली इमारतें भी सुरक्षित बनें, तो अभिभावक मंहगी शिक्षा की तरफ अपना ध्यान कभी न दें।
- चरण सिंह
क्या कहते हैं जोनल शिक्षा अधिकारी
जर्जर प्राइमरी स्कूल पखडी की इमारत विस्तारीकरण को लेकर जोनल शिक्षा अधिकारी रामगढ़ सुभाष चंद्र ने उच्च विभाग से जल्द बात करने का आश्वासन दिया। उनका कहना है कि मासूमों पर मंडराते जर्जर स्कूली इमारत खतरे को दूर करने की हर संभव कोशिश की जाएगी।