Jammu Kashmir: विद्यार्थियों ने दिए स्टार्ट अप के लिए विचार, अहमर के वेस्ट टू वेल्थ सुझाव को सभी ने सराहा
शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और तकनीक विश्वविद्यालय कश्मीर के अहमर बशीर शाह ने वेस्ट टू वेल्थ का विचार दिया। इसमें वेस्ट मैटेरियल को आर्गेनिक प्लांट का विकास करने के लिए तरल पदार्थ बनाने की व्यवस्था होगी। अहमर को साथी के साथ पहला स्थान मिला।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: गवर्नमेंट कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी जम्मू के स्टार्ट अप सैल ने बिजनेस स्थापित करने के विषय पर वर्चुअल मोड से प्रतियोगिता आयोजित की। उद्यमिता विकास सैल के प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर डा. संजय काजल, डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ अनमोल दुग्गल, उद्यमी करमवीर सिंह राजपाल ने बिजनेस के विचार दिए।
गवर्नमेंट कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी जम्मू मंदीप सिंह और साक्षी भट्ट ने बिजनेस विचार साथी देकर पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने ऐप उपलब्ध करवाने की बात कही जिसमें विद्यार्थियों को हॉस्टल व पुस्तकों की सुविधा की जानकारी मिल सकेगी। शेर-ए-कश्मीर कृषि, विज्ञान और तकनीक विश्वविद्यालय कश्मीर के अहमर बशीर शाह ने वेस्ट टू वेल्थ का विचार दिया। इसमें वेस्ट मैटेरियल को आर्गेनिक प्लांट का विकास करने के लिए तरल पदार्थ बनाने की व्यवस्था होगी। अहमर को साथी के साथ पहला स्थान मिला।
कोल्ड फ्लोरा सोलूशयन बिजनेस विचार देने के लिए शेर-ए-कश्मीर कृषि, विज्ञान और तकनीक विश्वविद्यालय कश्मीर के वरदा शाह को दूसरा स्थान मिला। हंस राज महिला महा विद्यालय जांलधर की नदिका मेहरा और तरणप्रीत कौर की टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया। इंजीनियरिंग कालेज की प्रिंसिपल प्रो. समेरू शर्मा ने कहा कि यह एक ऐसा मंच था जिसमें युवाओं को उद्यमी विकास के विचार देने का मौका मिला है।
डोडा जीएमसी को मिलेगा नया प्रिंसिपल : राजकीय मेडिकल कालेज डोडा में अब नए प्रिंसिपल की नियुक्ति होगी। इसके लिए जीएमसी जम्मू के किसी वरिष्ठ प्रोफेसर को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। वर्तमान प्रिंसिपल डा. दिनेश कुमार ने स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ले ली है और मंगलवार को उनकी सेवा का अंतिम दिन है। इसके बाद वह नौकरी छोड़ रहे हैं। हालांकि उन्होंने अगले वरूर्ष सेवानिवृत्त होना था लेकिन डा. दिनेश ने निजी कारणों का हवाला देते हुए प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत्ति ले ली है। प्रिंसिपल बनने से पहले वह राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में प्रीवेंटिंव सोशल मेडिसीन विभाग के एचओडी थे। अब उनकी सेवानिवृत्ति के बाद जीएमसी जम्मू से ही किसी वरिष्ठ डाक्टर को प्रिंसिपल बनाने की चर्चा है। अभी तक जीएमसी राजौरी, डोडा और कठुआ में जितने भी प्रिंसिपल बने हैं, वे सभी जीएमसी जम्मू में ही फैकल्टी सदस्य थे। उनकी वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए ही उन्हें प्रिंसिपल बनाया गया।