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Jammu And Kashmir: आतंकियों के खात्मे के लिए बनी रणनीति

Terrorists In Jammu And Kashmir. जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने से लेकर आतंकियों का खात्मा होगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 07:19 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 07:20 PM (IST)
Jammu And Kashmir: आतंकियों के खात्मे के लिए बनी रणनीति
Jammu And Kashmir: आतंकियों के खात्मे के लिए बनी रणनीति

जम्मू, राज्य ब्यूरो। Terrorists In Jammu And Kashmir. चौकसी, खुफियातंत्र की मजबूती, सभी सुरक्षा एजेंसियों में समन्वय और सुनियोजित अभियान, इस रणनीति के तहत केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने से लेकर आतंकियों का खात्मा होगा। यह रणनीति उपराज्यपाल जीसी मुर्मू की अध्यक्षता में केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर राज्य की पहली एकीकृत मुख्यालय बैठक में तैयार की गई है। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार, उपराज्यपाल के सुरक्षा सलाहकार राजीव राय भटनागर,सेना की उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और महानिदेशक सीआरपीएफ एपी महेश्वरी भी मौजूद थे।

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शरदकाली राजधानी में स्थित कनवेंशन सेंटर में गत वीरवार को हुई एकीकृत मुख्यालय की पहली बैठक में सेना, पुलिस, केंद्रीय अर्धसैनिकबलों, खुफिया एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, गृहसचिव शालीन काबरा, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव बिपुल पाठक, महानिदेशक पुलिस दिलबाग सिंह, विशेष महानिदेशक सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन, मंडलायुक्त जम्मू संजीव वर्मा, जम्मू और कश्मीर प्रांत के आईजीपी, आईजी बीएसएफ व अन्य संबधित अधिकारी भी करीब तीन घंटे चल इस बैठक में शामिल रहे। सेना की टाइगर डिवीजन और नगरोटा कोर के जीओसी ने भी एकीकृत मुख्यालय की बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि बैठक में जम्मू-कश्मीर के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य पर विस्तार से चर्चा हुई है। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर राज्य में राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने, निकट भविष्य में पंचायत व विधानसभा चुनावों की संभावना और जेलों में बंद विभिन्न राजनीतिक नेताओं की रिहाई से स्थानीय हालात पर होने वाले असर पर भी संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने अपने अपने तंत्र द्वारा जुटाई गई रिपोर्ट का आकलन पेश किया। बैठक में सार्वजनिक ताैर पर इंटरनेट बहाल करने के विषय पर खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट पर भी विचार-विमर्श हुआ। इसके आधार पर इंटरनेट सेवाओं को पूरी तरह बहाल करने से पूर्व उसे सीमित आधार पर बहाल करने और उसके असर को परखने पर सहमति हुई है।

बैठक में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा बार बार किए जा रहे जंगबंदी के उल्लंघन, पाकिस्तान द्वारा रची जा रही घुसपैठ की कोशिशों से निपटने की रणनीति पर विचार-विमर्श करते हुए अग्रिम इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बनाए जा रहे बंकरों की संख्या बढ़ाएजाने पर भी फैसला हुआ है। सूत्रों की मानें तो बैठक में मौजूद सुरक्षा एजसेंयों ने इस बात की आशंका जताई है कि घुसपैठ की अधिकांश कोशिशों को नाकाम बनाए जाने के बावजदू कुछ आतंकियों के घुसपैठ में कामयाब हुए होंगे।

उन्होंने बताया कि बैठक में जम्मू-कश्मीर में विशेषकर कश्मीर घाटी और जम्मू प्रांत के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में आतंकी संगठनों की भर्ती पर रोक लगाने, जिहादी दुष्प्रचार से निपटने और सभी संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के बीच व्यापक तालमेल के आधार पर सुनियोजित आतंकरोधी अभियानों को लगातार जारी रखने के उपायों पर भी विचार-विमर्श हुआ है। 

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