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घाटी में दो माह के लिए जुटाएं एलपीजी

राज्य ब्यूरो जम्मू पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच प्रशासन ने कश्म

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 08:40 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 08:40 AM (IST)
घाटी में दो माह के लिए जुटाएं एलपीजी
घाटी में दो माह के लिए जुटाएं एलपीजी

राज्य ब्यूरो, जम्मू : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच प्रशासन ने कश्मीर में सभी तेल कंपनियों को आदेश दिया है कि वह कम से कम दो महीने के लिए एलपीजी का भंडार सुनिश्चित कर लें। वहीं, एक और आदेश में गांदरबल जिले में कुछ स्कूलों को सुरक्षाबलों को ठहराने के लिए प्रशासन को सौंपने के लिए कह दिया गया है। जम्मू कश्मीर का गांदरबल जिला लद्दाख के कारगिल जिले से लगता है। हालांकि, प्रशासन ने इसके पीछे अमरनाथ यात्रा और मानसून की बारिश से पहले की तैयारियों का हवाला दिया है, लेकिन इन दोनों आदेशों ने लोगों के कान खड़े कर दिए हैं। वह यह भी आशंका जताने लगे हैं कि कहीं युद्ध के हालात तो नहीं बन रहे हैं। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इन आदेशों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

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पहला आदेश खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कश्मीर संभाग के निदेशक ने जारी किया है। इसमें उन्होंने इंडियन ऑयल कारपोरेशन के राज्य समन्वयक (को-आर्डिनेटर) से 23 जून को उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के सलाहकार के साथ हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि कश्मीर घाटी में एलपीजी की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित हो। राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण हर बार परेशानी होती है। सलाहकार ने बैठक में निर्देश दिए थे कि सभी तेल कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि कश्मीर में कम से कम दो महीने के लिए एलपीजी गैस की कोई कमी न हो। कश्मीर में गर्मी में इस प्रकार का आदेश पहली बार जारी हुआ है। आमतौर पर कश्मीर में ऐसे आदेश सर्दी शुरू होने से पहले जारी होते हैं, जब बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो जाता है। हालांकि, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव सिमरनजीत सिंह का कहना है कि मानसून की बरसात में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो जाता है। इसके कारण आवश्यक सामान पहुंचाने में परेशानी होती है। एक महीने का मौजूदा भंडार उपलब्ध है। हमने तेल कंपनियों को एक और महीने का भंडार रखने के लिए ही कहा है। इससे कुछ अधिक नहीं है।

दूसरा आदेश गांदरबल के एसएसपी खलील पोसवाल का है। इसमें उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग से मिडिल स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल और आइआइटी की इमारतों को प्रशासन को सौंपने के लिए कहा गया है। इसके लिए हवाला यह दिया गया है कि श्री बाबा अमरनाथ की यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों के जवानों को ठहराया जाएगा। यहां यह देखने की बात है कि इस बार अभी तक अमरनाथ यात्रा को लेकर अभी तक कोई भी फैसला नहीं हुआ है। अगर यात्रा होती है तो इसकी अवधि बहुत कम होगी। इसीलिए एसएसपी का यह आदेश अहम है और कई मायने रखता है। जम्मू कश्मीर का गांदरबल जिला, लद्दाख के कारगिल जिले के पास है। इस समय लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच तनाव बना हुआ है।

गांदरबल के एसएसपी खलील पोसवाल ने हालांकि स्कूलों में सुरक्षाबलों को ठहराने के अनुरोध को चीन के साथ युद्ध के साथ जोड़ने को गलत करार दिया है। उनका कहना है कि अमरनाथ यात्रा को लेकर हर साल रुटीन में एक एक्सरसाइज होती है। अमरनाथ यात्रा शुरू होती है तो हर साल इस जिले के स्कूलों में केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को ठहराया जाता है। इस साल भी यात्रा की तैयारियों के मद्देनजर ही ऐसा किया गया है। मगर इन दो आदेशों से कश्मीर में राजनीति गरमाने के साथ-साथ लोगों में असमंजस भी है। लोगों को यह लगने लगा है कि कहीं सरकार युद्ध की तैयारियां तो नहीं कर रही है। उमर ने किया सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का कहना है कि प्रशासन के इन आदेशों से लोगों में दहशत उत्पन्न होना लाजिमी है। पिछले साल भी जब इस प्रकार के आदेश आए तो सरकार झूठ बोलती रही। सरकार को चाहिए कि वे इन आदेशों के बारे में लोगों को सही जानकारी दे। अमरनाथ यात्रा शुरू होती है तो हर साल इस जिले के स्कूलों में केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को ठहराया जाता है। इस साल भी यात्रा की तैयारियों के मद्देनजर ही ऐसा किया गया है। इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच तनाव से जोड़ना गलत है।

-खलील पोसवाल, एसएसपी गांदरबल

----- बरसात में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो जाता है। इसके कारण आवश्यक सामान पहुंचाने में परेशानी होती है। कश्मीर में एक महीने का मौजूदा भंडार उपलब्ध है। हमने तेल कंपनियों को एक और महीने का भंडार रखने के लिए ही कहा है। इससे कुछ अधिक नहीं है।

सिमरनजीत सिंह, सचिव खाद्य एवं आपूर्ति विभाग

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