Move to Jagran APP

एसएसपी कठुआ ने कहा घुसपैठ की आशंका वाले रास्तों की सुरक्षा की हो रही समीक्षा

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा का जिम्मा विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के पास रहता है जिसमें कठुआ की बॉर्डर पुलिस की भूमिका भी मुख्य होती है जो सीमा क्षेत्र से पीछे सुरक्षा संभालती है

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 12:21 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 12:21 PM (IST)
एसएसपी कठुआ ने कहा घुसपैठ की आशंका वाले रास्तों की सुरक्षा की हो रही समीक्षा
एसएसपी कठुआ ने कहा घुसपैठ की आशंका वाले रास्तों की सुरक्षा की हो रही समीक्षा

कठुआ। गत 31 जनवरी को नगरोटा में मारे गए तीन आतंकियों के बाद जिले कठुआ के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे तरनाह नाला फिर सुर्खियों में आ गया है। लखनपुर में टोल प्लाजा हटने के बाद अन्य राज्यों से आने वाले और राज्य से बाहर जाने वाले वाहनों की चेकिंग कड़ी करना भी मुद्दा है।

loksabha election banner

तस्कर पंजाब से सटी सीमा का भी पूरा लाभ लेने की ताक में रहकर नशा, चोरी एवं पशु तस्करी के मामले को अंजाम देने में लगे हैं। इन सबसे निपटना पुलिस के लिए आसान नहीं है। उक्त चुनौतियों से पुलिस कैसे निपटेगी, अपराध और घुसपैठ पर अंकुश लगाने के लिए क्या रणनीति रहेगी, इन सब मुद्दों पर दैनिक जागरण के जिला उप मुख्य संवाददाता राकेश शर्मा ने एसएसपी शैलेंद्र मिश्र से विशेष बातचीत की। उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश।

कठुआ जिले को क्या शांत जिला मानते हैं?

पुलिस ड्यूटी में कोई भी क्षेत्र शांत या अशांत नहीं होता है, जहां भी तैनाती होती है, वहां हर पल सतर्क एवं सचेत रहना पड़ता है।

नगरोटा में मारे गए आतंकियों के कठुआ जिले से घुसपैठ करने की आशंका जताई गई?

जिले के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा का जिम्मा विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के पास रहता है, जिसमें कठुआ की बॉर्डर पुलिस की भूमिका भी मुख्य होती है, जो सीमा क्षेत्र से पीछे सुरक्षा संभालती है। अलावा जिले में सुरक्षा का अपने-अपने स्तर पर जिम्मा संभाले अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी पूरा तालमेल रहेगा, ताकि जिले में कोई भी नापाक घटना को अंजाम देने का दुस्साहस न कर सके।

पशु तस्करी कैसे रोकेंगे?

पशु तस्करी एवं नशे जैसे अपराध पर रोक लगाने के लिए पुलिस कम्यूनिटी कार्यक्रम को प्राथमिकता देंगे, साथ ही पशु तस्करी के सरगना तक पहुंचना पहला काम होगा। तस्कर से पकड़े गए पशु दोबारा उनके पास न पहुंचे, ये भी सुनिश्चित करना होगा।

नशे व चोरी की बढ़ती घटनाओं की कैसी चुनौती है?

नशे के कारण ही चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। युवाओं में नशे की लत लग चुकी है, वे नशा खरीदने के लिए अब चोरी को अंजाम देना शुरू हो गए हैं, हालांकि इसमें अंतरराजीय अपराधी भी शामिल हैं, उन्हें पकड़ने के लिए दूसरे राज्यों में भी छापे मारे जाएंगे, इस पर काम हो रहा है।

लखनपुर टोल प्लाजा हट गया है, ऐसे में तस्करी कैसे रोकेंगे?

पहले की तुलना में तैनात पुलिस जवानों की संख्या बढ़ाई गई है। आधुनिक तकनीक के बड़े कैमरे लगाए गए हैं। 24 घंटे नाके पर वाहनों की चेकिंग सुनिश्चित बना दी गई है। पड़ोसी राज्य पंजाब व हिमाचल से जिलों की पुलिस के साथ इंटरस्टेट कोआíडनेशन पर काम करेंगे, ताकि आतंकी, नशा और पशु तस्करी जैसी गतिविधियों पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.